एक पुलिस अफसर (Police officer) जो हर दिन पहले पुलिस की अपनी जिम्मेदारियों को निभाता है और फिर डॉक्टर (Doctor) बन कर कोविड (Covid) संक्रमित पुलिसकर्मियों और उनके घरवालों के इलाज में जुट जाता है. ये पुलिस अफसर हैं इंदौर पुलिस की स्पेशल ब्रांच (Special branch) के एसपी राजेश सहाय (SP Rajesh Sahai).
कोरोना काल में बीते एक साल से पुलिसकर्मी भी फ्रंटलाइन पर रह कर लगातार सुरक्षा प्रोटोकॉल (The protocol) या लॉकडाउन (Lockdown) का पालन करा रहे हैं. साथ ही कानून-व्यवस्था भी संभाल रहे हैं. पुलिसकर्मी भी अदृश्य वायरस से लड़ते हुए संक्रमण का शिकार हो रहे हैं. साथ ही उनके परिवार वाले भी इस जोखिम में आ रहे हैं.
ऐसे में इंदौर में एसपी राजेश सहाय दिन भर वर्दी पहने फील्ड पर रहते हैं और पुलिस की ड्यूटी खत्म करने के बाद डॉक्टर बन जाते हैं. सहाय पुलिस की व्यवस्थाओं पर ध्यान रखने के साथ संक्रमित पुलिसकर्मियों का इलाज भी कर रहे हैं. सहाय क्वालिफाइड डॉक्टर हैं. पुलिस सेवा में आने से पहले उन्होंने एमबीबीएस और एमडी की डिग्री भी ले रखी है.
इंदौर पुलिस लाइन में कोविड प्राथमिक उपचार केंद्र संचालित है. यहां पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों को कोरोना के हल्के लक्षण के बाद भर्ती किया जाता है. अभी तक यहां पर सिर्फ एक डॉक्टर ड्यूटी पर थे लेकिन इंदौर में तेज़ी से बढ़ते कोरोना मामलों के कारण उनपर बेहद ज्यादा दबाव आ गया था. ऐसे में सहाय आगे आए और उन्होंने भी कोरोना से संक्रमित पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों का इलाज करना शुरू कर दिया. अब राजेश सहाय के लिए यह रोज़ का सिलसिला बन चुका है. सुबह से लेकर शाम तक वो पुलिस की ड्यूटी करते हैं और इसके बाद कोरोना पीड़ितों का इलाज.
सहाय ने ‘आजतक’ से बातचीत में कहा, ‘मैं अपनी खुशकिस्मती समझता हूं कि मेरी पढ़ाई आज किसी काम आई है. जहां एक ओर पुलिस की वर्दी पहनकर मैं देश सेवा कर रहा हूं तो वहीं दूसरी ओर डॉक्टर बन कर जनसेवा का भी करने का सौभाग्य मिल रहा है. मेरी सभी पुलिस कर्मियों से विनती है कि घबराने की कोई बात नहीं है अगर कोई भी लक्षण आपको देखता है तो तत्काल कोविड-19 टेस्ट कराएं और उपचार शुरू करवाएं.’
इस समय जब मानवता पर सबसे बड़ा संकट आया हुआ है तब राजेश सहाय जैसे पुलिस अधिकारी का आगे बढ़ कर कोविड मरीजों को राहत पहुंचाना, तारीफ के काबिल है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved