भोपाल। कोलार में 24 साल की छात्रा के साथ हुई हैवानियत के 34 दिन बाद केस में बलात्कार के प्रयास और हत्या के प्रयास की धाराओं को बड़ा दिया गया है। वहीं जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई के नाम पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। सूत्रों का दावा है कि कल दोपहर इस मामले में टीआई सुधीर अरजरिया की जिम्मेदारी को तय करते हुए उनका सस्पेंशन लेटर टाइप किया जा रहा था। जिसकी भनक थाना प्रभारी को लगी और उनके एक चहेते रसूखदार ने पुलिस के आला अधिकारियों को कॉल घनघना दिए। प्रभावशाली व्यक्ति का कॉल आते ही सस्पेंशन लेटर शोकाज नोटिस में तबदीक कर दिया गया। हालांकि मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपक लिया है। भोपाल पुलिस की राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना की जा रही है। लोग सोशल मीडिया से लेकर न्यूज चैनल तक पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं सूत्रों की माने तो इस प्रकरण में पुलिस की गंभीर लापरवाही को लेकर सरकार का रवैया सख्त है। जल्द लापरवाह पुलिस आधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को कलेक्टर अविनाश लवानिया और डीआईजी इरशाद वली ने निक्की से घर जाकर मुलाकात की। और मामले की जांच के लिए एसआईटी बना दी। डीआईजी ने मामले में कोलार थाना टीआई सुधीर अरजरिया की लापरवाही मानी। पहले टीआई का सस्पेंशन ऑर्ड टाइप हुआ, लेकिन दोपहर बाद सिर्फ नोटिस देकर जवाब मांगा गया। शुक्रवार को फि र पुलिस ने एफ आईआर में रेप की कोशिश और जानलेवा हमले की धारा भी जोड़ दी। जबकि निक्की का कहना है कि घटना के अगले दिन ही उसने पुलिस को दिए बयान में इसका जिक्र किया था। जांच अधिकारी श्वेता शर्मा का तर्क है कि पहले दिन निक्की ने वो सब नहीं बताया था। गुरुवार को पूरक बयान लिए हैं, हफ्तेभर पहले ही मेडिकल रिपोटज़् आई है और इसी आधार पर धाराएं बढ़ाईं हैं। दूसरा सवाल ये कि पुलिस ने थाने में पीडि़ता की मां के सामने से आरोपी अनिल बोरकर को क्यों गुजारा, जबकि उसकी शिनाख्त सिर्फ पीडि़ता ही कर सकती है। फि लहाल कलेक्टर ने पीडि़ता के इलाज का पूरा खर्च उठाने की बात कही है।
इस घटना से नहीं लिया सबग
दो नवंबर 2017 को हबीबगंज स्थित एक रेवले ट्रेक के किनारे यूपीएससी की तैयरी कर रही छात्रा के साथ गैंग रेप की वारदात हुई थी। इस मामले में भी पुलिस ने लापरवाही बरतते हुए पीडि़ता को चार घंटे तक थाने दर थाने भटकाया था। बाद में प्रकरण में तत्कालीन आईजी यौगेश चौधरी,तत्कालीन एसपी रेल अनीता मालवीय,तत्कालीन एमपी नगर और हबीबगंज थाने के टीआई सहित जीआरपी थाने के प्रभारी पर कार्रवाई की गई थी।
नहीं सुधर रही भोपाल पुलिस फिर धाराओं में किया दगल
इधर ऐशबाग इलाके में रहने वाले एक ड्रायवर को गुरुवार की रात को बाइक सवार अज्ञात दो युवकों ने सिर में तलवार मार दी। वहीं पुलिस ने इस मामले में साधारण मारपीट की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। घटना स्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों में वारदात कैद हुई है। साकिब खान 28 वर्ष निवासी बाग दिलकुशा एक ड्रायवर हैं। उसने बताया कि गुरुवार की रात को निजी कार्य से घर के बाहर निकला था। तभी पीछे से एक बाइक पर सवार दो युवक आए। आरोपियों में पीछे बैठे बदमाश के हाथ में तलवार थी। कोई कुछ समझ पाता इससे पहले ही आरोपी उसे सिर में तलवार मारकर फरार हो गए। घटना के बाद में फरियादी दोस्त के साथ में निजी अस्पताल पहुंचा। जहां उसका उपचार चल रहा है। पीडि़त का कहना है कि वह आरोपियों को नहीं जानता है। उसके सिर में गंभीर घाव आए हैं। बावजूद इसके पुलिस ने साधारण धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। जबकि मारपीट करते बदमाशों के सीसीटीवी फुटैज मिले हैं। उक्त फुटैज पुलिस को महौया करा दिए गए हैं। साकिब ने बताया कि हमलावर प्रभात पेट्रोल टैंक के पास भी दो लोगों को पीटकर लौट रहे थे। हालांकि उन दोनों घायलों ने शिकायत नहीं की है।
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