वॉशिंगटन। दुनिया में क्रेडिट-डेबिट कार्ड से भुगतान (credit-debit card payment) करते वक्त लोगों को कुछ रिवार्ड्स (Rewards) मिलते हैं. इनके जरिए लोग कई बार कुछ हजार रुपये तक कमाने में कामयाब हो जाते हैं लेकिन अमेरिका (America) के एक भौतिक विज्ञानी (Physicist) ने अपने तेज दिमाग से 2 करोड़ 17 लाख रुपये तक कमा (Earn up to Rs 2 crore 17 lakh)डाले.
वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक कोस्टाटीन अनीकेव एक भौतिक विज्ञानी हैं. उनकी बचपन से क्रेडिट कार्ड से कमाई करने में रुचि थी. वे 2009 से वे ऐसा करते आ रहे थे. धीरे-धीरे उन्होंने अपने इस शौक को पेशे में बदल लिया और लाखों रुपये कमाने लगे.
कोस्टाटीन अनीकेव ने अपने क्रेडिट कार्ड से बड़ी संख्या में गिफ्ट कार्ड खरीदने शुरू किए. वे पहले गिफ्ट कार्ड खरीदते और फिर उसे कैश करा लेते. इस पैसे को वे वापस अपने बैंक अकाउंट में जमा कर देते और फिर क्रेडिट कार्ड का बिल चुका देते. इस दौरान जो रिवार्ड्स मिलते, वह उनकी कमाई हो जाती.
इसे आप यूं समझिए कि 500 डॉलर के गिफ्ट कार्ड की खरीदारी पर उन्हें 5 फीसदी के हिसाब से 25 डॉलर रिवार्ड मिलते. गिफ्ट कार्ड की फीस और उसे कैश में बदलने के लिए उन्हें 6 डॉलर खर्च करने पड़ते थे. इस हिसाब से उन्हें प्रत्येक खरीदारी पर 19 डॉलर का मुनाफा हो जाता था. ऐसे करते-करते अनीकेव ने तीन लाख डॉलर (करीब 2 करोड़ 17 लाख रुपये) की कमाई कर डाली. इसी दौरान उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होते देख किसी ने इसकी सूचना अमेरिका के टैक्स विभाग (US tax department) को दे दी. विभाग ने खुफिया जांच के बाद आय से अधिक संपत्ति को लेकर उन्हें नोटिस भेज दिया. इसके बाद मामला होते-होते कोर्ट पहुंच गया. वहां पर अनीकेव ने अनोखे ढंग से अपने मामले की पैरवी की. वे एक टब में गिफ्ट कार्ड्स भरकर कोर्ट पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि वे कोई कमाई नहीं कर रहे हैं. ये तो क्रेडिट कार्ड कंपनियों की ओर से दिए जा रहे डिस्काउंट हैं. इन पर टैक्स नहीं लग सकता. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि गिफ्ट कार्ड प्रॉपर्टी की तरह हैं और इसे खरीदने पर जो रिवार्ड्स (Credit Card Rewards) मिलते हैं, उस पर टैक्स नहीं लगेगा. जज के मुताबिक, इस केस में रिवार्ड्स डिस्काउंट हुआ. लेकिन अगर गिफ्ट कार्ड को फिर से कैश में बदला जाता है तो यह लाभ के लिए अपनी संपत्ति को फिर से बेचना हुआ. ऐसे में उस पर टैक्स लगेगा. जज ने फैसला दिया कि उन्हें इस आमदनी पर इनकम टैक्स देना होगा. कोर्ट के इस फैसले के बाद अब इनकम टैक्स विभाग अनीकेव से टैक्स वसूल वसूलने के लिए हिसाब-किताब लगाने में जुटा है.