नई दिल्ली (New Dehli)। आपने लोगों को अवैध निर्माण (illegal construction)बचाने के लिए तमाम तरह के हथकंडे(tricks) अपनाते हुए तो जरूर देखा होगा। लेकिन गुजरात (Gujarat)के एक शख्स ने जो किया है उससे हर कोई हैरान (no one surprised)है। इस शख्स ने अवैध जमीन पर राम मंदिर बनाया है और द्वारपाल के तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिमा लगाई है। इस स्क्रैप व्यापारी का नाम मोहनलाल गुप्ता है। भरूच-अंकलेश्वर शहरी विकास प्राधिकरण (बीएयूडीए) के अधिकारियों की नजर उसके अवैध निर्माण पर है। ऐसे में विध्वंस के खतरे को भांपते हुए गुप्ता ने अब एक राम मंदिर की स्थापना की है। जिसमें भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां रखी गई हैं। वहीं पीएम मोदी और सीएम योगी को इसका द्वारपाल बनाया है।
बिल्डिंग में एक अतिरिक्त मंजिल का निर्माण किया
मोहनलाल ने पिछले साल बिल्डिंग में एक अतिरिक्त मंजिल का निर्माण किया था। उत्तर प्रदेश के रहने वाले गुप्ता ने भी 22 जनवरी को अवैध स्क्रैप गोदाम के ऊपर मंदिर का उद्घाटन किया। इसी दिन पीएम मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण स्थापना की थी। अंकलेश्वर के गडखोल गांव के जनतानगर सोसायटी में रहने वाले मनसुख रखसिया की शिकायत के बाद बीएयूडीए अधिकारियों ने बिल्डिंग का निरीक्षण करने के तुरंत बाद स्क्रैप व्यापारी ने बचने की यह तरकीब निकाली।
छत पर बने मंदिर को लेकर मिली शिकायतों
छत पर बने मंदिर को लेकर मिली शिकायतों के बाद, बीएयूडीए के अधिकारियों ने मंगलवार को स्थल का दौरा किया और पाया कि गुप्ता ने बिना अनुमति लिए एक अतिरिक्त मंजिल का निर्माण किया है। बीएयूडीए ने अब उन्हें जरूरी दस्तावेज जमा करने के लिए सात दिन का समय दिया है। हालांकि गुप्ता के अनुसार, जितेंद्र ओझा, जिनसे उसने पिछले साल संपत्ति खरीदी थी, ने 2012 में गडखोल ग्राम पंचायत से निर्माण की अनुमति पहले ही ले ली थी। गुप्ता ने आरोप लगाया कि उससे जलने वाले लोगों ने स्ट्रक्चर के खिलाफ शिकायत की है।
मैंने कुछ हिस्सों को हटाकर संपत्ति में बदलाव किए
गुप्ता ने कहा, ‘मैंने कुछ हिस्सों को हटाकर संपत्ति में बदलाव किए हैं। कुछ लोग हैं जो मुझसे जलते हैं और स्ट्रक्चर गिराने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने मुझसे पैसों की भी मांग की है। वे हमारी रिद्धि सिद्धि सोसायटी से दूर एक आवासीय सोसायटी में रहते हैं।’ वहीं दूसरी तरफ 11 जुलाई, 2023 को दर्ज राखसिया की पहली शिकायत के अनुसार, गांव की तीन आवासीय सोसायटियों में गुप्ता सहित कथित अवैध निर्माण के लिए ‘कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई।’ गुप्ता की दो मंजिला इमारत के अलावा दो और लोगों के खिलाफ शिकायत की गई है।
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