नई दिल्ली: महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोनवायरस (COVID-19) को लेकर अलर्ट जारी किया है कि राज्य में BA.2.3.20 और BQ.1 जैसे नए वेरिएंट का पता चलने के बाद कोविड संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती हैं. यहां गौर करने वाली बात यह है कि देश में पहली बार इस वेरिएंट का पता चला है. देशभर के स्वास्थ्य अधिकारी भी इसे चिंतित हैं और उन्होंने लोगों को आगाह किया है कि सर्दियों और खासकर त्योहारी सीजन के दौरान कोविड के मामले बढ़ सकते हैं.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि कोरोनावायरस के नए XBB वेरिएंट BA.2.75 के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैल सकता है और इसमें प्रतिरक्षात्मक गुण हैं. कोविड ने इन नए-नए वेरिएंट्स से दुनियाभर में संक्रमण का दर बढ़ रहा है. ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका सहित कुछ देशों में, कुछ ऐसे स्ट्रेन पाए गए हैं, जो वहां कोरोना के अधिकतर केस के जिम्मेदार हैं.
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने बताया है कि 15 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते के दौरान देश में पाए गए कोरोना संक्रमित मरीज़ों में से 11 फीसदी अकेले BQ.1 और BQ.1.1 वेरिएंट के थे. एक महीने से भी कम समय पहले ये दोनों वेरिएंट्स महज 1 फीसदी मामलों के लिए जिम्मेदार थे.
कोरोना वायरस का कैसे होगा अंत
दुनिया के अलग-अलग हिस्से में अब तक कोरोनावायरस के कई वेरिएंट पाए जा चुके हैं. इनमें से ज्यादातर ओमिक्रॉन के ही सबवेरिएंट हैं. ओमिक्रॉन वेरिएंट दुनिया भर में बेहद तेजी से फैला और लाखों लोगों को संक्रमित किया. कई मामलों में इसने वैक्सीन से हासिल इम्युनिटी तक को भेद दिया. हालांकि इसके मरीज़ों में उतने गंभीर लक्षण नहीं पाए गए और स्थिति कभी दूसरी लहर जितनी भयावह नहीं हुई.
विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोनावायरस आगे चलकर फ्लू जैसी मामूली बीमारी में तब्दील हो सकती है. वाशिंगटन विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य मेट्रिक्स और मूल्यांकन संस्थान के प्रोफेसर डॉ. अली मोकदाद के अनुसार, कोरोना वायरस आगे चलकर फ्लू की तरह बन जाएगा, जो सर्दियों के मौसम में सबसे ज्यादा फैलता है. हालंकि इस बीच आने वाले कुछ वर्षों में इस वायरस का असर पहले के मुकाबले ज्यादा खराब हो सकता है. ऐसे में इसे काबू में रखने के लिए हर साल वैक्सीन की इम्युनिटी डोज़ लेना एक कारगर उपाय हो सकता है.
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