वाशिंगटन। भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों ने रक्षा तकनीक पर सहयोग बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय बातचीत को और प्रभावी बनाने के समझौते पर दस्तखत किए। दोनों देशों की रक्षा तकनीक और व्यापार पहल पर गठित संयुक्त कार्यदल डीटीटीआइ की वर्चुअल बैठक के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
भारत की ओर से रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन मामलों के सचिव राजकुमार ने और अमेरिका की ओर से वहां के रक्षा मंत्रालय के उप सचिव एलेन लॉर्ड ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते से दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों की उन्नत तकनीक को साझा करने पर बातचीत और ज्यादा प्रभावी और गतिशील हो जाएगी। दोनों देशों के बीच तकनीक के लेन-देन की ज्यादा संभावनाएं तलाशी जाएंगी और उन पर प्रभावी अमल किया जाएगा। नई तकनीक विकसित करने के लिए दोनों देश मिलकर काम कर सकेंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने विज्ञप्ति जारी कर समझौते की जानकारी दी है।
भारत और अमेरिका के बीच डिफेंस टेक्नोलॉजी एंड ट्रेड इनीशिएटिव (डीटीटीआइ) का गठन द्विपक्षीय रक्षा व्यापार समझौतों को प्रभावी तरीके से अंजाम देने के लिए किया गया है। इसके अंतर्गत चार सहायक कार्यसमूह भी कार्य कर रहे हैं। ये कार्यसमूह थलसेना, नौसेना, वायुसेना और विमानवाहक युद्धपोत के लिए रक्षा उपकरणों की तकनीक लेन-देन पर चर्चा के लिए कार्य कर रहे हैं। डीटीटीआइ दोनों देशों द्वारा मिलकर तकनीक विकास पर कार्य करने और उत्पादन में सहयोग पर भी विचार करता है।
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