लगभग 70 साल पुरानी चिकित्सा व्यवस्था के कायाकल्प की तैयारी
इंदौर । मेडिकल कॉलज (medical college) से सम्बंधित लगभग 70 साल पुरानी चिकित्सा व्यवस्था (medical system) के कायाकल्प अथवा नवीनीकरण की सख्त आवश्यकता है। अब मरीजों (patients) के बेहतर इलाज (Treatment) के लिए मेडिकल बेड की संख्या बढ़ाने के अलावा नई इमारतें नए विस्तार, नया स्टाफ के साथ अत्याधुनिक मशीनों की बेहद जरूरत है। इसलिए महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज (Mahatma Gandhi Medical College) ने अत्याधुनिक नया ट्रामा सेंटर (trauma center) और डायलिसिस सेंटर बनाने के अलावा चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय और एमआरटीबी सेंटर के विस्तार का प्रस्ताव बनाकर शासन को मंजूरी के लिए भेजा है।
इंदौर शहर सहित जिले अथवा सम्भाग में आबादी और मरीजों की संख्या लगातार हर दिन बढ़ती जा रही है, मगर इलाज के लिए आज भी वही व्यवस्थाएं हैं, जो आज से लगभग 70 साल पहले थी। एमवाय हॉस्पिटल 1953 में बना था, तब मेडिकल बेड की क्षमता 1000 थी और आज बेड की संख्या लगभग 1200 ही है। यही हाल चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय और एमआरटीबी सेंटर का है। मेडिकल प्रशासन के अनुसार इन दोनों हॉस्पिटल में 100-100 मेडिकल बेड हैं। इस वजह से इलाज की व्यवस्थाएं गड़बड़ाने लगी हैं। इसलिए अब मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने 70 साल पुरानी चिकित्सा व्यवस्था के कायाकल्प के लिए कमर कस ली है।
इसलिए जरूरी है नया ट्रामा सेंटर
एमवाय हॉस्पिटल में सालों से सिर्फ 40 मेडिकल बेड का इमरजेंसी कैज्युअल्टी वार्ड है। अभी ट्रामा यानी घायल और एमएलसी से सम्बंधित लगभग 500 मरीज हर रोज आते हैं। इसके अलावा इंदौर सम्भाग ही नहीं, बल्कि अन्य जगह पर आकस्मिक बड़ी दुर्घटना या बड़ा कांड होने पर अधिकांश घायल यहीं रैफर किए जाते हैं। इन्दौर शहर व जिले की जनसंख्या लगभग 40 लाख के पार जा चुकी है।
अब 400 बेड का ट्रामा सेंटर जरूरी
तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या के अलावा शहर और गांवों के लगातार विस्तार के चलते अब नए एमवाय हॉस्पिटल ही नहीं, बल्कि मेडिकल कॉलेज से सम्बंधित पुराने सभी अस्पतालों का नवीनीकरण या विस्तार की जरूरत है। इसमे 400 मेडिकल बेड का जी प्लस 6 हाईटेक ट्रामा सेंटर हो, जिसमें 6 मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर और 50 बेड के आईसीयू हों।
एमआर टीबी हॉस्पिटल का विस्तार
नए ट्रामा सेंटर के अलावा एमआरटीबी हॉस्पिटल का विस्तार करना जरूरी है। यह हॉस्पिटल लगभग 67 साल पुराना हो चुका है। तबसे यह सिर्फ 100 मेडिकल बेड का ही है। बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से लगभग 300 मेडिकल बेड की क्षमता वाला नया एमरटीबी हॉस्पिटल बनना जरूरी है, जिसमें अत्याधुनिक ऑपरेशन थियेटर, नए उपकरण, सीटी मशीन हो। कुल मिलाकर इस अस्पताल को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाए।
अब 300 बेड का चाचा नेहरू चिकित्सालय
सालों से चाचा नेहरू चिकित्सालय सिर्फ 100 मेडिकल बेड की व्यवस्था से संचालित हो रहा है। अब इसका विस्तार करते हुए यहां पर 300 मेडिकल बेड की क्षमता वाला नया हॉस्पिटल बनना या इसका विस्तार करना अतिआवश्यक है, जिसमें पीडियाट्रिक, मेडिसिन, सर्जरी विभाग सब एक ही छत के नीचे हों।
50 बेड का डायलिसिस सेंटर
बदलती जीवनशैली के कारण अब किडनी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसलिए सम्बंधित मरीजों के लिए एक अलग से 50 डायलिसिस यूनिट सेंटर की सख्त जरूरत है।
लगभग 70 साल पुराने सभी अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था के नवीनीकरण अथवा अत्याधुनिक विस्तार के लिए अब नई बिल्डिंग, नए सेंटर, नए हॉस्पिटल की सख्त जरूरत है । इसलिए बढ़ती हुई जनसंख्या और मरीजों के हिसाब से मेडिकल प्रशासन ने शासन को नई चिकित्सा व्यवस्था का प्रस्ताव बनाकर भेजा है। उम्मीद है आचार संहिता हटने के बाद प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी।
-संजय दीक्षित
डीन एमजीएम कॉलेज
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