बंगलूरू। कर्नाटक (Karnataka) के बीदर जिले में दशहरा के जुलूस में भाग लेने वाले लोगों की भीड़ के एक ऐतिहासिक मदरसा (historical seminary) में जबरन घुसकर पूजा करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस प्रकरण में नौ लोगों के खिलाफ मामला (case against) दर्ज किया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
आरोप है कि कथित तौर पर भीड़ ने मदरसे में तोड़फोड़ और नारेबाजी (sabotage and sloganeering) की, इसके साथ ही इमारत के एक कोने में पूजा भी की। इधर, इस मामले को लेकर मुस्लिम संगठनों ने शुक्रवार तक गिरफ्तारी नहीं होने पर विरोध-प्रदर्शन की बात कही है।
इस पूरी घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर साझा किया है।
पुलिस ने कहा कि भीड़ ने बुधवार शाम मदरसे का ताला तोड़ दिया। इसके बाद मदरसे (madrassa) की सीढ़ियों पर खड़े होकर, पूजा करने के लिए एक कोने में जाने से पहले, उन्होंने “जय श्री राम” और “हिंदू धर्म की जय” के नारे लगाए।
वायरल वीडियो में दिख रहा है कि सीढ़ियों पर खड़ी भारी भीड़ इमारत के अंदर जाने की कोशिश कर रही है। स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
बीदर के कई मुस्लिम संगठनों ने घटना की निंदा की है और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो जुमे की नमाज के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना को लेकर राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह “मुसलमानों को नीचा दिखाने” के लिए ऐसी घटनाओं को बढ़ावा दे रही है।
Visuals from historic Mahmud Gawan masjid & madrasa, Bidar, #Karnataka (5th October). Extremists broke the gate lock & attempted to desecrate. @bidar_police @BSBommai how can you allow this to happen? BJP is promoting such activity only to demean Muslims pic.twitter.com/WDw1Gd1b93
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 6, 2022
आलोचकों ने भाजपा पर राज्य के कुछ हिस्सों को सांप्रदायिक प्रयोगों के लिए क्रूसिबल में बदलने का आरोप लगाया है। आरोप हिजाब पर विवाद के बाद शुरू हुए, और हिंदू समूहों द्वारा मंदिर के मेलों में मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाने पर जोर देने के साथ ही तेज हो गए। बता दें कि इससे पहले अगस्त में हुबली के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी मनाई गई थी।
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