डेस्क। दुनिया में ऑनलाइन गेमिंग का ट्रेंड बहुत ही तेज़ी से बढ़ रहा है. कुछ सालों पहले ‘ब्लू व्हेल’ नाम के एक चैलेंज गेम ने तो न जाने कितने लोगों की जान ले ली थी. इसके बाद आए पोकेमोन गेम की वजह से कई लोगों को हादसों का शिकार होना पड़ा. कई अपनी जान गंवा बैठे. इस बढ़ते हुए ऑनलाइन गेमिंग की वजह से हर रोज हजारों लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार भी हो रहे हैं, जिनमें सबसे ज़्यादा ठगी के मामले ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म फ्री फायर के जरिए की जाती है और इसका शिकार सबसे ज़्यादा बच्चे और युवा होते हैं, लेकिन यही गेम अब लोगों को अपराध की दुनिया में भी क़दम रखने को प्रोत्साहित कर रहे हैं.
ताजा मामला मध्य प्रदेश के भिंड ज़िले में सामने आया है. यहां फ्री फायर गेम की आईडी पाने के लिए स्कूली छात्रों द्वारा एक परिवार को फिरौती की मांग करते हुए जान से मारने की धमकी तक दी गई. धमकी के बाद परिवार पूरे दो दिन दहशत में रहा जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हो गया. मामले का खुलासा उस वक़्त हुआ जब दबोह का रहने वाला एक परिवार थाने पहुंचा और अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई.
दरअसल, दबोह के वार्ड 11 निवासी रामेश्वर दयाल शर्मा के घर रविवार को किसी अज्ञात व्यक्ति ने पत्थर में लपेट कर पर्चा फेंका गया था, जिसमें एक मोबाइल नंबर लिखा हुआ था साथ ही लिखा गया था कि इस नंबर पर तुरंत कॉल करें नहीं तो अपने परिजनों से किसी को खो देंगे. इस तरह की धमकी मिलने के बाद पीड़ित परिवार के लोगों ने कई बार और मोबाइल फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं आया.
पीड़ित परिवार ने बताया कि करीब रात नौ बजे उनके मोबाइल पर इसी तरह के धमकी भरे मैसेज आए बात यहीं नहीं रुकी सोमवार को एक अज्ञात शख़्स ने फोन कर पीड़ित परिवार को फिरौती के लिए धमकी दी, जिसमें उनसे कहा गया कि 12 बजे तक अगर आठ लाख रुपया खाते में नहीं डालें तो 12 बजे तक परिवार के किसी एक शख़्स की हत्या कर दी जाएगी. सीधे तौर पर इस तरह की धमकी मिलने के बाद परिवार दहशत में था.
रामेश्वर दयाल सीधा पुलिस थाने पहुंचे और शिकायती आवेदन देकर पुलिस से मदद मांगी, जिस पर दबोह थाना प्रभारी द्वारा तुरंत मामले की जानकारी सायबर पुलिस को दी गई और जिस नंबर से कॉल आया था. उसकी सारी जानकारी निकालने पर पता चला यह नम्बर अमाहा गांव के किसी सुरेंद्र कुशवाह नाम ये शख़्स का है, जिस पर तुरंत एक टीम गठित कर आरोपी को गिरफ़्तार करने भेजा गया, लेकिन पुलिस भी उस वक्त भौंचक्की रह गई जब पता चला कि आरोपी बारहवीं क्लास का एक नाबालिग छात्र है.
उसे गिरफ़्तार कर थाने लाया गया और जब उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह अपने एक दोस्त के साथ मिलकर फ़्री फायर गेम की आईडी ख़रीदना चाहता था, जिसके चलते उसने इस वारदात को अंजाम दिया था. हालांकि फरियादी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज तो किया लेकिन कानूनी बाध्यताओं के चलते आरोपी को कच्ची ज़मानत देकर छोड़ दिया गया है. इधर मामले में आरोपी की ज़मानत हो जाने से पीड़ित परिवार दहशत में हैं.
उनका आरोप है कि उन्हें द्वारा ऐसे आरोपी जिसने हमें जान से मारने की धमकी दी है उसे छोड़ दिया जाना हमारे जीवन पर संकट बना हुआ है. वह कभी भी अपने साथियों के साथ मिलकर परिवार को नुक़सान पहुंचा सकता है. वहीं मामले में पुलिस का कहना है कि कानूनी प्रक्रिया के तहत जो धाराएं पीड़ित की शिकायत पर आरोपी पर लगायी गई थी. उनकी वजह से उन्हें ज़मानत पर आरोपी को छोड़ना पड़ा है, साथ ही उनका कहना है कि यह महज नाबालिग बच्चों द्वारा एक गेम ख़रीदने के लिए की गई हरकत है. ऐसे में फ़रियादी पक्ष को डरने की ज़रूरत नहीं है.
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