मुंबई । प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh ) के निजी सचिव रहे संजीव पलांडे के बयान का हवाला देते हुए बंबई हाई कोर्ट को बताया है कि राज्य का एक कैबिनेट मंत्री एसीपी या उससे ऊंची रैंक के पुलिस अधिकारियों के ट्रांस्फर (transfer of police officers) और तैनाती के मकसद से एक सूची देशमुख को भेजा करता था. ईडी ने शुक्रवार को अदालत में दाखिल हलफनामे में कहा कि पलांडे देशमुख के निर्देश पर वह ‘अनौपचारिक सूची’ पुलिस स्थापना बोर्ड को भेजा करते थे. ईडी ने पलांडे की उस याचिका का विरोध करते हुए यह हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द करने का अनुरोध किया था.
पलांडे देशमुख के बयान का हवाला देते हुए, ईडी ने यह दावा भी किया कि एक मंत्री एक सूची के साथ तत्कालीन गृह मंत्री (देशमुख) से मिलते थे, जिसमें उन पुलिस अधिकारियों और स्थानों का नाम होता था, जहां उनका स्थानांतरण किया जाना होता था. इसके अलावा इस सूची में शिवसेना के संबंधित विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के नाम भी होते थे.
हलफनामे में कहा गया है कि इसके अलावा, पलांडे ने बार ऑर्केस्ट्रा मालिकों से वसूले जाने वाले धन में वृद्धि की संभावना पर चर्चा करने के लिए बर्खास्त मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और देशमुख के बीच बैठकों की व्यवस्था करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ईडी ने कहा कि पलांडे ने जांच एजेंसी को दिए अपने बयान में स्वीकार किया है कि एक कैबिनेट मंत्री देशमुख को तबादलों और तैनाती के लिए पुलिस अधिकारियों की सूची भेजते थे.
पलांडे को ईडी ने इसी साल जून में गिरफ्तार किया था. वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. उनकी गिरफ्तारी के लगभग तीन महीने बाद, महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता देशमुख को इस महीने की शुरुआत में धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. वह भी न्यायिक हिरासत में हैं.
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