इन्दौर (Indore)। बांगलादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में बुधवार को शहर में हिन्दू संगठनों के साथ विभिन्न समाज और साधू-संत एक बड़ा मार्च निकालने की तैयारी कर रहे हंै। कल इसको लेकर संघ कार्यालय में एक बड़ी बैठक भी रखी गई थी, जिसमें मार्च के आयोजन को लेकर बात की गई और तय किया गया कि इसमें हर वर्ग के व्यक्ति को शामिल किया जाए, ताकि इंदौर से संदेश जाएं कि हिन्दू बांगलादेश में अत्याचार सह रहे हिन्दू भाइयों के साथ खड़ा है। मार्च के समापन पर कलेक्टर कार्यालय पर एक सभा भी होगी, जिसे साधू-संत और धर्माचार्य संबोधित करेंगे। वहीं व्यापारियों से आधे दिन का बंद रखने की अपील भी की जाएगी, जिसमें अभी कई संगठनों ने हामी भर दी है। इसको लेकर शहर में अलग-अलग स्थानों पर बैठक का दौर भी शुरू हो चुका है, जिसमें हर वर्ग को शामिल किया जा रहा है।
पूरा देश बांगलादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में एकजुट हो रहा है और आने वाले दो-चार दिनों में हर शहर में रैली और मार्च निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन दिया जा रहा है। कल संघ कार्यालय सुदर्शन में हुई बैठक में भाजपा के सभी पदाधिकारियों, विधायकों और संघ के अनुषांगिक संगठनों को भी बुलाया गया था। सभी से कहा गया कि वे समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर बांगलादेश में हो रहे हिन्दुओं पर अत्याचार के विरोध में आंदोलन करने के लिए एकजुट हो जाएं। इंदौर में बुधवार 4 दिसम्बर को एक बड़ा मार्च निकाला जाएगा। इसके लिए पंकज पंवार को संयोजक बनाया गया है।
लालबाग में सभी लोग इकट़ठा होंगे। आंदोलन से जुड़े लोगों के अनुसार सुबह 9 बजे से सभी लोग यहां जुटेंगे, जिसमें संत समाज, संघ के अनुषांगिक संगठनों के सदस्य, भाजपा कार्यकर्ता, शहर के व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि, सामाजिक संगठन, रहवासी संगठन और वरिष्ठ नागरिक भी शामिल होंगे। यहां से एक बड़ा मार्च कलेक्टर कार्यालय तक निकाला जाएगा जो कलेक्टर कार्यालय पर एक आमसभा में तब्दील होगा। यहां संतजन सभा को संबोधित करेंगे। सभा के बाद कलेक्टर आशीषसिंह को ज्ञापन दिया जाएगा। यह ज्ञापन भारत में बांगलादेशी दूतावास के नाम भी दिया जाएगा। आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी को बैठकों की जवाबदारी दी गई है। इसमें विधायकों और जनप्रतिनिधियों को भी अपने-अपने क्षेत्र में रहवासी संघों और सामाजिक संगठनों से संपर्क करने का कहा है। इसके साथ ही व्यापारिक क्षेत्रों में भीअपील की जा रही है वे अपनी दुकान और व्यापार को आधे दिन बंद रखकर आंदोलन में सहभागी बने। अभी तक कई व्यापारी संगठनों ने भी इसमें अपनी सहमति दे दी है। आंदोलन के माध्यम से एक अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनानेकी रणनीति पर काम किया जा रहा है, ताकि बांगलादेश की सरकार पर दबाव बनाया जा सके कि कि वे हिन्दुओं के विरोध में काम न करें। अलग-अलग शहरों में होने वाले आंदोलनों के बाद एक बड़ी रणनीति भी राष्ट्रीय स्तर पर तैयार की जाएगी।
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