पूर्व विधायक शुक्ला और पटेल के साथ कांग्रेस के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के आने का दावा
इंदौर। इंदौर (Indore) में एक बार फिर बड़ी संख्या में कांग्रेस (Congress) के लोग भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। पूर्व विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटेल पहले ही भाजपा में आ गए थे। अब उनके साथ 25 अप्रैल को कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में भाजपा में शामिल होंगे।
25 अप्रैल को भाजपा के सांसद प्रत्याशी शंकर लालवानी नामांकन (BJP MP candidate Shankar Lalwani nomination) जमा करने जा रहे हैं। इस दिन मुख्यमंत्री मोहन यादव भी इंदौर आ रहे हैं और वे नामांकन रैली में शामिल होंगे। नामांकन रैली को भव्य बनाने की तैयारियां की जा रही हैं। इसी दिन एक और बड़ा आयोजन रखने की तैयारी संजय शुक्ला और विशाल पटेल (Sanjay Shukla and Vishal Patel) ने की है। शुक्ला और पटेल तो पहले ही भाजपा की सदस्यता ले चुके हैं, लेकिन उनके समर्थक अभी न तो कांग्रेस (Congress) में काम कर रहे हैं और न ही भाजपा में। इसी को लेकर अभी तक स्पष्ट नहीं हो रहा है कि कितने लोग भाजपा में आए। 25 अप्रैल को नामांकन रैली के बाद में यह कार्यक्रम रखा जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में कांग्रेसियों के भाजपा में होने का दावा किया जा रहा है। अभी स्थान तय नहीं हुआ है। कोशिश की जा रही है कि एक नंबर और देपालपुर विधानसभा के बीच में इस कार्यक्रम को रखा जाए। इसमें कांग्रेस के पदाधिकारी और पूर्व पार्षद सहित कार्यकर्ता भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में होने वाले इस कार्यक्रम की कमान शुक्ला और पटेल ने ही संभाल रखी है।
शुक्ला के मामले में संगठन का स्पष्ट जवाब नहीं
महू से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े रामकिशोर शुक्ला उर्फ भैयाजी के उषा ठाकुर द्वारा भाजपा में शामिल कराने को लेकर संगठन की ओर से अभी कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है। हालांकि कल शुक्ला ने मीडिया के सामने स्पष्टीकरण दिया कि वे ठाकुर और संघ के एक पदाधिकारी से चर्चा करके ही कांग्रेस में गए थे, क्योंकि 20 साल से उन्हें भाजपा में कोई पद नहीं दिया गया था। इसके बाद ठाकुर ने भी अलग से मीडिया के सामने कहा कि उन्होंने भाजपा छोडऩे के पहले उनसे बात की थी और शामिल होने के लिए भी स्थानीय नेताओं से बात करके वे भाजपा में आए। इंदौर लाकर उन्होंने मुझसे शुक्ला को दुपट्टा पहनवा दिया। शुक्ला को पहले ही भाजपा से निलंबित किया जा चुका था, लेकिन उनका निलंबन बहाल नहीं किया गया है। इसलिए संगठन के स्थानीय पदाधिकारियों ने भी इस मामले में चुप्पी साध रखी है। वहीं दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के बागी और निर्दलीय प्रतशी अंतरसिंह दरबार पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
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