इंदौर। प्राधिकरण द्वारा दो आईएसबीटी निर्मित करवाए गए हैं, जिनमें से एक नायतामूंडला का लगभग तैयार हो चुका है। एप्रोच रोड की बाधा भी दूर कर ली गई और अब आचार संहिता खत्म होने के बाद इसका लोकार्पण हो जाएगा। वहीं एमआर-10 कुमेर्डी में 60 करोड़ रुपए की लागत से जो बस टर्मिनल बन रहा है उस पर सबसे जटील कार्य 1400 मैट्रिक टन के विशाल स्टील स्ट्रक्चर को लगाने का था, जो अब पूरा हो गया है। वहीं आधे से अधिक में शेड भी लग गए हैं। मेट्रो स्टेशन से भी इसकी सीधी कनेक्टीविटी रहेगी। वहीं एक बड़ी होटल के साथ खान-पान की 16 बड़े काउंटर भी निर्मित किए गए, तो 33 अन्य दुकानें भी यहां बनाई गई हैं, जिनमें ब्रांडेड कम्पनी के शोरूम, जनरल स्टोर, रेडिमेड गारमेंट शॉप से लेकर बुक स्टोर और अन्य गतिविधियां शुरू की जा सकेगी। वहीं खजराना फ्लायओवर की एक भुजा पर डामरीकरण भी हो चुका है और महीनेभर से इस पर से यातायात भी शुरू कर दिया जाएगा।
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार ने कल निगम अधिकारियों के साथ निर्माणाधीन फ्लायओवरों के अलावा आईएसबीटी का अवलोकन भी किया। श्री अहिरवार ने बताया कि कुमेर्डी के इंटरस्टेट बस टर्मिनल का सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है और सबसे कठीन कार्य भारी-भरकम स्टील स्ट्रक्चर यानी ट्रस को लगाने का था, जो कि पीथमपुर की एक फैक्ट्री में तैयार होकर यहां लाकर लगाए गए। बस टर्मिनल की छत पर विशालकाय भारी-भरकम यह स्टील स्ट्रक्चर लगाया गया है। जिस तरह बड़े-बड़े एयरपोर्ट या अन्य बड़ी बिल्डिंगों पर लगाए जाते हैं। जिससे इस टर्मिनल की खूबसूरती कई गुना बढ़ गई है। इन विशाल स्टी ल स्ट्रक्चरों का कुल वजन 1400 मैट्रिक टन रहा है, जिनके निर्माण में ही महीनों लग गए और फिर पीथमपुर से एक-एक हिस्से को लाकर यहां लगाया गया है। स्ट्रक्चर लगने के बाद अब उस पर शेड लगाने की कार्रवाई चल रही है और उसका भी 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। फर्नीचर सहित अन्य बचे हुए कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है।
प्रयास यह है कि मानसून से पहले अधिक कार्य मौके पर कर लिए जाएं। यहां पर एक बड़ी होटल भी बनाई गई है। इसके अलावा 16 खान-पान की ही पक्की दुकानें तैयार की गई हैं। साथ ही 33 अन्य दुकानें हैं। जिस तरह एयरपोर्ट पर अलग-अलग श्रेणी की दुकानें रहती हैं उसी तरह इस बस टर्मिनस पर भी यात्रियों को हर तरह का सामान मिल जाए उसके लिए यह दुकानें निर्मित की गई हैं, जिन्हें टेंडर के जरिए आबंटित किया जाएगा। साथ ही प्राधिकरण की टीम ने कल लवकुश चौराहा पर बन रहे डबल डेकर ब्रिज के अलावा फ्लायओवर का भी अवलोकन किया और खजराना चौराहा भी पहुंची। सीईओ श्री अहिरवार के मुताबिक खजराना फ्लायओवर में एक भुजा लगभग तैयार है, जिस पर डामरीकरण भी किया जा चुका है और अब उस पर एक मिस्टीक फ्लोरिंग की लेयर कोटिंग का काम बचा है। वहीं पेंटिंग-रैलिंग लगाने सहित कुछ काम चल रहे हैं और प्रयास यह है कि महीनेभर में इस भुजा पर यातायात शुरू कर दिया जाए। इसी तरह नायतामूंडला के आईएसबीटी के निर्माण भी पूरा हो चुका है। एप्रोच रोड की बाधा भी दूर हो गई। 15 मीटर रोड चालू हो गया है। शेष 15 मीटर का निर्माण नगर निगम को कराना है, जिस पर लगभग 41 निर्माण बाधक बने हुए हैं।
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