मनामा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को बहरीन के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री सलमान बिन हमद अल खलीफा (Crown Prince & Prime Minister of Bahrain Salman bin Hamad Al Khalifa) से बात की. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा (Review of bilateral relations between the two countries) और राजनीतिक, व्यापार और निवेश सहित विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों में लगातार हुई प्रगति पर संतोष जताया. इसके अलावा, पीएम मोदी (PM Modi) ने बहरीन में बनने वाले स्वामीनारायण मंदिर (Swaminarayan Temple to be built in Bahrain) के लिए भूमि आवंटन(land allotment) पर क्राउन प्रिंस को धन्यवाद दिया. बता दें कि UAE के बाद अब बहरीन में भी भव्य मंदिर बनने वाला है.
भारत आने का दिया निमंत्रण
PMO के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना महामारी के दौरान बहरीन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों का बहुत अच्छे से खयाल रखने के साथ ही उनकी सामाजिक और सांस्कृतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बहरीन के नेतृत्व के प्रति आभार जताया. इस दौरान PM मोदी ने बहरीन के सुल्तान हमद बिन ईसा अल खलीफा को शुभकामनाएं प्रेषित कीं और प्रधानमंत्री सलमान बिन हमद अल खलीफा को भारत आने का निमंत्रण भी दिया.
PM मोदी ने किया Tweet
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में ट्वीट भी किया है. उन्होंने लिखा है, ‘क्राउन प्रिंस और बहरीन के प्रधानमंत्री एचआरएच प्रिंस सलमान बिन हमद अल खलीफा के साथ गर्मजोशी से बातचीत की. स्वामीनारायण मंदिर के लिए भूमि आवंटन पर हाल के निर्णय सहित भारतीय समुदाय की जरूरतों पर ध्यान देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. बता दें कि बहरीन से पहले दुबई और अबू धाबी में भी मंदिर निर्माण चल रहा है. संयुक्त अरब अमीरात में भारतीयों की बड़ी आबादी रहती है. हिंदुओं के लिए आने वाले कुछ महीनों में दुबई में एक भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा, जिसका निर्माण कार्य करीब 50 फीसदी तक पूरा हो गया है. यह मंदिर दुबई के Jebel Ali क्षेत्र में बन रहा है और इसका शिलान्यास 29 अगस्त 2020 को हुआ था. अब इस मंदिर का ढांचा आकार लेने लगा है.
अबू धाबी में भी बन रहा मंदिर
संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में एक हिंदू मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. यह पत्थरों से निर्मित UAE का पहला पारंपरिक मंदिर होगा. इस प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों का कहना है कि बनाए जा रहे मंदिर की उम्र करीब 1000 साल होगी, यानी एक हजार साल तक मंदिर मजबूती से खड़ा रहेगा. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मंदिर के निर्माण का पहला चरण पूरा हो चुका है.
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