भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मनुआभान की टेकरी पर चित्तौड़ की महारानी पद्मावती का भव्य स्मारक बनाया जाएगा और उनके शैर्य की गाथाएं अगले शिक्षा सत्र से प्रदेश की पाठ्यपुस्तकों में शामिल होंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी घोषणा की। साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि राज्य सरकार की ओर से प्रतिवर्ष ‘महाराणा शौर्य पुरुस्कार’ और ‘पद्मिनी पुरुस्कार’ दिये जाएंगे। पुरस्कार स्वरूप दो लाख रुपये की नगद राशि प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा है कि – ‘भोपाल के मनुआभान की टेकरी पर महारानी पद्मावती के स्मारक के लिए मैंने भूमि आरक्षित की है, वहां भव्य स्मारक बनाया जायेगा। समाज के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल बने, जो स्मारक के स्वरूप की रूपरेखा बनाएं, ताकि हम सबकी अपेक्षा के अनुरूप उनका स्मारक बन सके।’ मुख्यमंत्री ने अपने अगले ट्वीट में लिखा है कि – ‘महारानी पद्मावती के जीवन की शौर्य गाथा को अगले सत्र की पाठ्य पुस्तक में सम्मिलित किया जायेगा। इसके अलावा ‘महाराणा शौर्य पुरुस्कार’ और ‘पद्मिनी पुरुस्कार’ प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश सरकार की ओर से प्रदान किया जायेगा। पुरस्कार स्वरूप दो लाख रुपये नगद राशि प्रदान की जायेगी।’
उल्लेखनीय है कि महारानी पद्मावती चित्तौड़ की रानी थीं। उन्हें पद्मिनी के नाम से भी जाना जाता था। पद्मावती सिंहल द्वीप के राजा गंधर्वसेन की पुत्री थी और चित्तौड़ के राजा रतन सिंह योगी से उनका विवाह हुआ था। पद्मावती 13 वीं -14 वीं सदी की महान भारतीय रानी थी। उनके साहस और बलिदान की गौरवगाथाएं इतिहास में अमर हैं। कहा जाता है कि खिलजी वंश का शासक अलाउद्दीन खिलजी पद्मावती को पाना चाहता था। माना जाता है कि चित्तौड़ में खिलजी के हमले के वक्त अपने सम्मान को बचाने के लिए उन्होंने 1303 में जौहर किया था।