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    दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में मप्र की झांकी में दिखेगी आत्मनिर्भर नारी की झलक

  • January 05, 2024

    – थीम होगी ‘’विकास का मूल मंत्र – आत्मनिर्भर नारी’’

    भोपाल (Bhopal)। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2024 (Republic Day 26 January 2024.) को देश की राजधानी नई दिल्ली में कर्तव्य पथ (Duty path in New Delhi.) पर राज्यों की सांस्कृतिक वैभव और विकास (Cultural splendor and development) को दर्शाने वाली झांकियों में मध्यप्रदेश की झांकी (Tableau of Madhya Pradesh.) विशेष आकर्षण का केन्द्र होगी। इस वर्ष मध्यप्रदेश झांकी की थीम ‘’विकास का मूल मंत्र – आत्मनिर्भर नारी’’ है। यह जानकारी गुरुवार को जनसम्पर्क अधिकारी अरुण शर्मा ने दी।


    उन्होंने बताया कि झांकी मध्यप्रदेश की प्रगतिशील नारी शक्ति पर केन्द्रित है। हर क्षेत्र में मध्यप्रदेश की नारी आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल कर रही है। आज प्रदेश की बेटियां खेत-खलिहान से लेकर विमान उड़ाने में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहीं हैं। गणतंत्र दिवस की भव्य झांकी में मध्यप्रदेश की आत्मनिर्भर हो रही नारी की प्रतिभा और आत्मविश्वास के दर्शन होंगे। झांकी के अग्रभाग में भारतीय वायुसेना की पहली महिला फाइटर पायलट और प्रदेश की बेटी अवनी चतुर्वेदी लड़ाकू विमान के प्रतिरूप के साथ दिखेंगी। इसके बाद स्व-सहायता समूह की एक महिला कलाकार मटके पर चित्रकारी करते नजर आयेंगी। द्वितीय मध्य भाग में बादल महल गेट चंदेरी की प्रतिकृति होगी एवं विश्व विख्यात चंदेरी, महेश्वरी, बाग प्रिंट साड़ियों को तैयार करने वाली बुनकर महिलाएं साड़ियों के एक प्रतीकात्मक प्रदर्शनी काउंटर के साथ विक्रय के लिए खड़ी दिखाई देंगी।

    झांकी के अंतिम भाग में बेहतर पोषण युक्त आहार श्री-अन्न यानी मोटे अनाज (मिलेटस) उत्पादन को प्रोत्साहन की प्रेरणा देती भारत के मिलेट मिशन की ब्रांड एम्बेसेडर और मिलेट क्वीन ऑफ इंडिया के रूप में ख्याति प्राप्त मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले की लहरी बाई दिखाई देंगी। उनके हाथ में विक्रय के लिये मिलेट्स का एक पैकेट दिखाई देगा। इस प्रकार मोटे अनाज उत्पादन को बढ़ावा देने के हमारे राष्ट्रीय संकल्प को दर्शाया गया है। यह प्रतिमा 180 डिग्री एंगल पर घूमती दिखाई दे रही है। इसके आसपास बांस की बनी विभिन्न टोकरियों में प्रदेश में पैदा होने वाला विभिन्न प्रकार का मोटा अनाज प्रदर्शित किया जायेगा। झाँकी के निचले और बाहरी हिस्से में स्टोन कार्विंग से निर्मित शिल्प एवं प्रदेश की समृद्ध गोंड जनजातीय की महिला कलाकार चित्रकारी करती दिखाई देंगी। अंतिम भाग में मोटे अनाज से निर्मित महिलाओं के भित्ति चित्र को दर्शाया जायेगा।

    झांकी के आसपास प्रदेश के स्थानीय अंचल मालवा के लोकगीत की धुन पर मटकी लोक-नृत्य करती महिलाएं साथ चलती दिखाई देंगी, जो प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व कर रही है। कर्तव्य पथ पर निकलने वाली राज्यों की झांकियों में मध्यप्रदेश की झांकी का चयन किया गया है। इसके लिये राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है। झांकियों के चयन के लिये कड़े मापदण्ड रखे जाते हैं।

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