• img-fluid

    हवा में उड़ाई लडक़ी, कबूतर को बनाया श्वान, तलवारों के वार से जिन्दा निकली लडक़ी

    June 22, 2024

    • हवा में उड़ाई लडक़ी, कबूतर को बनाया श्वान, तलवारों के वार से जिन्दा निकली लडक़ी
    • जादुई दुनिया का तिलिस्म आज भी बरकरार, जादूगर ओ.पी. शर्मा ने

    इन्दौर। शहर में अपनी बेहतरीन जादुई कला का लोहा मनवा रहे जादूगर ओ.पी. शर्मा ने कल रवीन्द्र नाट्य गृह में जैसे ही हवा में लडक़ी को उड़ाया और कबूतर को श्वान बनाया, वैसे ही पुरा हाल तालियों की गड़ग़ड़हाट से भर गया। जादूगर शर्मा ने सभी को उस समय रोमांचित कर दिया, जब उन्होंने बॉक्स में बंद लडक़ी को तलवारों से भेदा और वह जीवित निकल आई। बरेली का नाम आते ही जेहन में झुमका कौंध जाता है। कन्नौज का नाम आते ही इत्र की खुशबू बिखरती है, फिरोजाबाद का नाम आते ही चूडिय़ां खनकती हैं, आगरा का नाम आते ही ताजमहल की तस्वीर उभरती है, अलीगढ़ के नाम से ताले, बनारस के नाम से साडिय़ों की तस्वीर जिस तरह से दिमाग में उभरती हैं, ठीक वैसे ही जादू शब्द पढऩे और सुनने पर एक ही नाम उभरता है, वह जादू की दुनिया में हिन्दुस्तान का नाम रोशन करने वाले मायानगरी के बेताज बादशाह जादूगर ओ.पी. शर्मा की। सीधे-सीधे शब्दों में कहे तो जादू और ओ.पी. शर्मा एक दूसरे के पर्याय हैं। जिस तरह ओ.पी. शर्मा जादू के पर्याय हैं। उसी तरह ओ.पी. शर्मा और ओ.पी. शर्मा जूनियर भी एक दूसरे के पूरक। पिछले 50 वर्ष से जादूनगरी में सक्रिय और जादूगर ओ.पी. शर्मा के नाम देश-विदेश में 40,000 से ज्यादा शो करने और सर्वाधिक हाउसफुल शो करने का एवरेस्ट सरीखा विश्व रिकार्ड रखने वाले जादूगर ओ.पी. शर्मा ने अनगिनत अवार्ड भी हासिल हैं। इसमें इंडियन मैजिक मीडिया सर्कल की ओर से दिया गया नेशनल मैजिक अवार्ड 2001 और ‘‘शहंशाह ए जादू’’ की महान उपाधि शामिल है।

    ऐसे शुरू हुआ ओपी शर्मा से जूनियर ओ.पी. शर्मा का सफर
    जादूगर ओ.पी. शर्मा ने अपना पहला कमर्शियल शो वर्ष 1971 में मुंबई में किया और 15 अक्टूबर 2022 को लंबी बीमारी के चलते निधन से पहले तक वह जादू के कद्रदानों के लिए स्टेज पर निरंतर सक्रिय रहे। उनके चारों बच्चों ने जादू कला को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। दूसरे बेटे सत्यप्रकाश शर्मा ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा पूरी करने के बाद अपने सपनों को जादू के जरिये पूरा करने का फैसला किया। पिता से जादुई कलाओं में महारत हासिल कर सत्यप्रकाश शर्मा ने वर्ष 1990 में अपना पहला प्रोफेशनल शो किया। हावभाव, प्रदर्शन, मंच पर सक्रियता और तमाम अन्य खूबियों में ओ.पी. शर्मा से समानता रखने की वजह से जादू के कद्रदानों ने सत्य प्रकाश शर्मा को ओ.पी. शर्मा जूनियर नाम दिया और वे इसी नाम से विख्यात हुए। जादू के मंच से पिता के महा प्रयाण के बाद जादूगर ओ.पी. शर्मा जूनियर हिंदुस्तान की सबसे पुरानी जादू कला को संजोने और पिता की विरासत को आम लोगों के पास ले जाने में अपना महान योगदान दे रहे हैं।

    फिल्मी दुनिया से कई बारीकी सीखी और उसे जादू में अपनाया
    मुंबई (तत्कालीन बंबई) में डिजाइन में इंजीनियर की शिक्षा हासिल करने के दौरान ओ.पी. शर्मा फिल्मी दुनिया से मेकअप, लाइटिंग, साउंड, मंच और साज सज्जा को बारीकी से समझते रहे। अपने जादू शो में इसका समावेश कर उन्होंने जादू कला को और भी सुसज्जित किया। सर्विस के दौरान उन्होंने जादू की कला का व्यवसायिक प्रदर्शन शुरू किया। विभिन्न आयोजनों में अपनी जादू की प्रतिभा का प्रदर्शन कर इसे समृद्ध करते रहे, इससे शोहरत तो मिली ही साथ में पैसा भी मिला। शोहरत ने जादूगर ओ.पी. शर्मा के अंदर ऐसी ऊर्जा और विश्वास भरा, जिसकी बदौलत शुरुआती दौर में मेलों और नुमाइशों में 15-15 शो करने के बाद भी उन पर थकान अपना प्रभाव नहीं डाल पाई। महान जादूगर ओ.पी. शर्मा ने पांच दशक की अपनी गौरवशाली कला यात्रा में जादू सिर्फ दिखाया ही नहीं है, बल्कि इसे पुष्पित और पल्लवित करने के साथ इसे विकसित करने में भी अद्वितीय भूमिका निभाई है।

    100 से ज्यादा कलाकार और 200 टन साजो सामान रहता है साथ
    नीरस और बोझिल मानी जाने वाली जादू की कला में आधुनिक लाइट और डिजिटल साउंड का समावेश कर नई जान डालने का श्रेय सत्यप्रकाश शर्मा यानी ओ.पी. शर्मा जूनियर को जाता है। 45 वर्ष से ज्यादा जादू के मंच पर सक्रिय और 30 वर्ष से ज्यादा समय से प्रोफेशनल रूप से शो करने वाले जादूगर ओ.पी. शर्मा जूनियर आज युवाओं के प्रेरणाश्रोत हैं। जादूगर ओ.पी. शर्मा के शो की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी टीम में 100 से ज्यादा कलाकार कार्यरत हैं। जिसमें एक दर्जन से ज्यादा महिलाएं हैं। जादू के शो के लिए 10 से ज्यादा ट्रकों में करीब 200 टन से ज्यादा साजो सामान उनके साथ चलता है। अपने पिता के पदचिन्हों पर आगे बढऩे वाले और जादू को समृद्ध करने वाले ओ.पी. शर्मा जूनियर को इंडियन मैजिक मीडिया सर्कल ने गोल्ड मैडल एवं मैजिक प्रिंस की उपाधि से अलंकृत किया है। इसके साथ ही मैजिक एंड मैनेजमेंट फील्ड में योगदान के लिए मैजिक बुक आफ रिकार्ड ने जादूगर ओ.पी शर्मा जूनियर को ‘‘ओनरेरी डेक्टोरेट अवार्ड 2022’’, मैजिक एजुकेशन इंस्टीट्यूट ने ‘‘जादू शिरोमणि अवार्ड’’ और मैजिक एकेडमी आफ इंडिया ने ‘‘जादू गौरव’’ का सम्मान भी प्रदान किया है।

    Share:

    पहली बार में भाजपा के 15 जिलाध्यक्षों की होगी रवानगी

    Sat Jun 22 , 2024
    भोपाल से जल्द निकल सकती है सूची, इंदौर के अध्यक्ष पर विचार इंदौर। शहर भाजपा का नया अध्यक्ष जल्द ही मिल सकता है। इसके लिए भोपाल में चर्चा चल रही है। मौजूद अध्यक्ष गौरव रणदिवे को एक्सटेंशन दिया जाए या फिर हटाया जाए, इसको लेकर वरिष्ठ नेताओं में आम सहमति नहीं बन पा रही है। […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved