इन्दौर। नगर निगम द्वारा शहर के विभिन्न मजदूर ठीयो और मजदूर चौकों क साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्रों में हर रोज चार मोबाइल वैनों से पांच रुपए में भोजन की थाली उपलब्ध कराई जा रही है। इसका हर रोज एक हजार से ज्यादा मजदूर लाभ ले रहे हैं। हर रोज अलग-अलग मैन्यू रहता है और फिलहाल दीनदयाल रसोई योजना के सेंटरों से तैयार भोजन वैनों में रखा जाता है और फिर वैन अलग-अलग ठीयो के लिए निकल पड़ती हैं। शाम तक यही सिलसिला चलता है।
शासन से मिली चार मोबाइल वैनों को नगर निगम वर्कशाप विभाग ने अपने स्तर पर तैयार कराया था और उनमें तमाम प्रयोग भी किए गए। पिछले दिनों से चारों वैन अलग-अलग क्षेत्रों में खाना बांटने के लिए दौड़ाई जा रही हैं। इनमें तैयार भोजन रखा जाता है और एक विंडो बनी है, जिस पर मजूदर लोग आकर भोजन थाली लेते हैं और भरपेट भोजन के बाद थाली धोकर वापस जमा करा दी जाती है। पांच रुपए में दाल, चावल, रोटी, सब्जी उपलब्ध कराई जा रही है और हर रोज अलग-अलग मैन्यू सेंटरो से तैयार होता है। उसी आधार पर गरमागरम भोजन अलग-अलग बर्तनों में ले जाया जाता है।
अपर आयुक्त मनोज चौरसिया के मुताबिक चारों वैन अलग-अलग दिशाओं में रवाना की जाती है, ताकि सभी मजदूरों और गरीब तबके के लोगों को इसका लाभ मिल सके। सुबह 10 बजे सेंटर पर गाडिय़ां भेज दी जाती हैं और वहां से खाना लेकर वैन मजदूर ठीयो पालदा, सीतलामाता बाजार, मूसाखेड़ी, नवलखा मजदूर चौक, पलसीकर मजदूर चौक, एरोड्रम क्षेत्र, द्वारकापुरी सहित कई अन्य क्षेत्रों में जाती हैं।
एक गाड़ी से 250 से ज्यादा मजदूरों को परोसा जाता है गरमागरम भोजन
अधिकारियों के मुताबिक एक वैन से 250 से 300 मजदूरों को हर रोज खाना बांटा जाता है। इस मान से चारों वैन से करीब 1 हजार लोगों को खाना बांटने का सिलसिला चलता है। दूसरी ओर दीनदयाल रसोई योजना के सेंटरों पर भी पांच रुपए में भोजन उपलब्ध कराने का सिलसिला जारी है, ताकि जिन लोगों को वैन से भोजन मिलने की जानकारी नहीं है, वे सेंटरों पर जाकर इसका लाभ ले सकते हैं। वैन दिनभर में कहां-कहां भोजन बांट रही है, इसकी मानिटरिंग भी एनजीओ के साथ-साथ रसोई योजना से जुड़े अधिकारी करते हैं।
मंत्रियों के फोटो ढंककर दौड़ाई वैन
आचार संहिता लगने के चलते मजदूर ठीयो पर 5 रुपए में भोजन बांटने को लेकर किसी प्रकार की कोई बड़ी लापरवाही न हो, इसको लेकर पहले निगम अधिकारियों ने पूरे मामले का अध्ययन किया और उसके बाद वैन पर लगे नेताओं और मंत्रियों के फोटो को ढंककर इसे शुरू किया गया। कई स्थानों पर वैन से खाना बांटने के दौरान उसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाती है, ताकि निगम के पास भी इसका रिकार्ड रहे।
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