उमरिया। मप्र के विश्व प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया (National Park Bandhavgarh Tiger Reserve Umaria) में बाघ और तेंदुओं की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। यहां फिर एक मादा बाघ और एक नर तेंदुए की मौत हो गई। हालांकि, बांधवगढ़ प्रबंधन ने बाघिन की मौत का कारण आपसी द्वंद और तेंदए की मौत का कारण चेनलिंग फैंसिंग में फंसना बताया है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की गाईडलाईन अनुसार क्षेत्र की घेराबन्दी कर सक्षम अधिकारियों क्षेत्र संचालक, सहायक संचालक परिक्षेत्र अधिकारी, सहायक शल्यज्ञ पशु चिकित्सा बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व एवं एन.टी.सी.ए. के प्रतिनिधि की उपस्थिति में मृत बाघ का पोस्टमार्टम कराया गया। शनिवार को पोस्टमार्टम पश्चात् सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति में मृत बाघ का शवदाह कराया गया।
उन्होंने बताया कि मौका स्थल पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर मृत्यु का प्रथम दृष्टया कारण दो बाघों के बीच आपसी द्वन्द प्रतीत होता है। फारेंसिक जांच हेतु मौका स्थल से सैम्पल एकत्रित कर सागर एवं जबलपुर प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं एवं प्रकरण की आगामी विवेचना की जा रही है।
क्षेत्र संचालक बीएस अन्नीगेरी ने बताया कि टाइगर रिजर्व उमरिया के वनपरिक्षेत्र पनपथा (कोर) एवं बफर की सीमा पर स्थित चितरांव गांव के पास बीट हरदी अन्तर्गत एक नर तेंदुए की चेनलिंग फैंसिंग में फंसकर मौत हो गई। यहां रात्रि गश्ती के दौरान बीट हरदी अन्तर्गत एक तेंदुआ चेंनलिंग फैंसिंग में फंसा पाया गया। फंसे तेंदुए को रेस्क्यू करने का प्रयास उप वन मण्डलाधिकारी के नेतृत्व में किया गया, लेकिन तेंदुए की मौत हो चुकी थी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की गाईडलाईन अनुसार सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति में तेंदुए का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम पश्चात् सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति में मृत तेंदुआ का शवदाह कराया गया। मौका स्थल से सैम्पल एकत्रित कर प्रकरण की आगामी विवेचना की जा रही है।
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