नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर सुनवाई टाल दी। दरअसल प्रदर्शनकारी किसानों का प्रतिनिधिमंडल सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति से मुलाकात करने के लिए तैयार हो गया है। यह मुलाकात सोमवार को दोपहर तीन बजे के करीब होगी। पंजाब सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में यह जानकारी दी। पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भी शामिल हैं, जो बीते 40 दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में पंजाब सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ को बताया कि वे (पंजाब सरकार) प्रदर्शनकारी किसानों को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) नवाब सिंह की अध्यक्षता वाली समिति से मिलने के लिए राजी करने में सफल रहे हैं। सिब्बल ने कहा, ‘हम किसानों को मनाने में सफल रहे हैं। कृपया मामले को किसी और दिन के लिए टाल दें। हमें कुछ सफलता मिलने की उम्मीद है।’ इसके बाद शीर्ष अदालत ने सिब्बल से विचार-विमर्श का संक्षिप्त नोट तैयार करने को कहा और सुनवाई 10 जनवरी के लिए स्थगित कर दी। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि समिति बैठक के नतीजों पर संक्षिप्त नोट दाखिल करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर 2024 को किसानों से बातचीत करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया था। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज नवाब सिंह की अध्यक्षता में ये समिति बनाई गई थी। समिति के सदस्यों में रिटायर्ड आईपीएस पी.एस. संधू, प्रोफेसर देवेन्द्र शर्मा और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री सुखपाल सिंह के साथ चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बी.आर. कंबोज शामिल हैं।
डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं, ताकि केंद्र सरकार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके। उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा दी जाने वाली चिकित्सा सहायता से इनकार कर दिया। डल्लेवाल की बिगड़ती हालत पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई थी और डल्लेवाल को तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी, 2024 से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
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