मतलूब अंसारी, जबलपुर। अतीत में ऐसे कई वाक्ये हमारी नजर से गुजरे हैं,जिन्हें हम इंसाफ की नजीर मानते हैं और वे हैं भी। हाल ही मप्र हाईकोर्ट ने भी एक ऐसा ही फैसला सुनाया है,जो कानून तो पुख्ता है ही,लेकिन इसमें इंसाफ की गूंज भी सुनाई दे रही है। इस फैसले में एक महिला के साथ सालों तक की नाइंसाफी और पीड़ा का अक्स साफ दिखाई देता है। बहरहाल, अब जबलपुर में 1988 से अब तक पदस्थ रहे 23 कलेक्टर अपनी जेब से करीब 44 लाख रुपये बतौर मुआवजा उस महिला को अदा करेंगे, जो राजस्व अमले के सामने 36 साल तक न्याय के लिए गिड़गिड़ाती रही।
संघर्ष के साढ़े तीन दशक
हाईकोर्ट जस्टिस गुरुपाल सिंह अहलूवालिया की कोर्ट में जबलपुर निवासी शशि पांडे ने याचिका दायर कर बताया कि उनकी आधारताल बायपास से लगी 29 हजार 150 वर्गफुट जमीन सन 1988 में सरकार ने ले ली। इस जमीन के बदले मुआवजा नहीं दिया गया और इतने सालों में अधिग्रहण की कार्रवाई भी नहीं की गई। याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को याचिकाकर्ता शशि पांडे को उनकी जमीन के बदले सन 1988 से अभी तक का हर्जाना 10 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से भुगतान करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि मुआवजे की पूरी राशि इस दौरान जबलपुर में पदस्थ रहे सभी कलेक्टरों से वसूल की जाए। आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव को इस संबंध में रजिस्ट्रार जनरल को रिपोर्ट देने के भी निर्देश दिए। याचिकाकर्ता शशि पांडे की अधारताल बायपास से लगी 29 हजार 150 वर्गफुट जमीन सरकार ने 5 फरवरी, 1988 को ले ली थी। इस जमीन का न तो मुआवजा दिया गया और न ही अधिग्रहण किया गया। इसके पहले भी शशि पांडे ने एक याचिका दायर की थी जिसमें हाईकोर्ट ने 2006 में प्रकरण का निराकरण करने के निर्देश कलेक्टर को दिए थे।
कैसे तय होगी राशि
36 साल की इस अवधि में करीब 23 कलेक्टरों की जबलपुर जिले में पदस्थापना यहां हो चुकी है। जबलपुर में 1988 में भागीरथ प्रसाद कलेक्टर थे। इनके कार्यकाल का ही प्रकरण है। जबलपुर में 7 माह पद संभालने के बाद 6 जुलाई 1988 को ट्रांसफर किए गए। इस हिसाब से इन्हे 5 माह की राशि चुकानी होगी। 10 हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से भागीरथ प्रसाद को 50 हजार रुपए चुकाने होंगे। सबसे ज्यादा हर्जाना राशि तत्कालीन कलेक्टर संजय दुबे को चुकानी होगी। वे जबलपुर में 37 माह पदस्थ रहे। इस हिसाब से उन्हे 3 लाख 70 हजार रुपए चुकाने होंगे। वहीं जबलपुर में सिर्फ दो माह का कार्यकाल संभालने वाले अजय सिंह को सिर्फ 20 हजार रुपए चुकाने होंगे। वर्तमान कलेक्टर दीपक सक्सेना का कार्यकाल भी 9 माह का हो गया है। उन्हें भी बतौर हर्जाना 90 हजार रुपए चुकाना होंगे।
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