इंदौर (Indore)। हैरत की बात है… इंदौर में प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी मुर्दे संभाल रहे हैं। बिजासन माता मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ संभालने के लिए प्रशासन ने नायब तहसीलदार से लेकर कई अधीनस्थ अधिकारियंो की ड्यूटी लगाई थी, उसमें मुर्दों का भी नाम शामिल है। आश्चर्य की बात यह है कि उस मुर्दे ने न केवल बिजासन माता मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ संभाली, बल्कि नायब तहसीलदार का साथ भी दिया। इस बात की पुष्टि स्वयं प्रशासनिक अधिकारियों ने की।
कलेक्टर कार्यालय में तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों की सूची विभागीय अधिकारियों के पास होती है और उसी आधार पर ड्यूटी तय की जाती है, लेकिन सूची में कई मुर्दों को भी ड्यूटी पर लगा दिया गया है। इस बात की हैरतमंद पुष्टि उस समय हुई, जब बिजासन माता मंदिर में भक्तों की भीड़ संभालने और व्यवस्थाओं को अंजाम देने के लिए नायब तहसीलदार के साथ मृत राजस्व निरीक्षक की भी ड्यूटी लगा दी गई और आश्चर्य की बात यह है कि उन्होंने ड्यूटी की, इसकी पुष्टि भी की गई। माता मंदिरों में व्यवस्थाओं का जिम्मा बेहद ही संवेदनशील होता है और उसमें भी प्रशासनिक अधिकारियों की किस तरह खानापूर्ति होती है, इसका प्रमाण तब मिला, जब नवरात्रि में बिजासन माता मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ संभालने के लिए प्रशासन ने नौ दिन के लिए नायब तहसीलदार से लेकर आरआई पटवारियों तक की जो ड्यूटी की सूची जारी की उसमें राजस्व निरीक्षक शंकरलाल जोशी का भी नाम शामिल हैं, जिन्हें दोपहर 2 से लेकर 10 बजे तक ड्यूटी पर तैनात किया गया है। आदेश जारी होने के बाद मृत हो चुके कर्मचारी की ड्यूटी करने की पुष्टि भी की गई है, जबकि उक्त कर्मचारी की मौत महीनों पहले हो चुकी है और उनके पुत्र को पटवारी के रूप में अनुकम्पा नियुक्ति भी दी जा चुकी है।
अधिकारी आंख मूंद कर रहे हस्ताक्षर
अपर कलेक्टर के हस्ताक्षर से जारी हुए इस आदेश में कलेक्टर कार्यालय की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। कयास लगाए जा रहे है कि बाबुओं द्वारा कर्मचारियों की सूची अपडेट ही नहीं की जाती, वहीं अधिकारियों द्वारा किए जा रहे आदेशों पर बिना किसी जांच के हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। इसी तरह से हाल ही में अपर कलेक्टरों के कार्य विभाजन आदेश में भी बड़ी गलती सामने आई थी कि नवपदस्थ की गई अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा को कार्यालय एडीएम का प्रभार सौंपे जाने के निर्देश जारी कर दिए गए थे, जबकि कलेक्टर ने अपर कलेक्टर रोशन राय को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी। खुलासा होने के बाद एक दिन में ही आदेश बदले गए।
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