इंदौर। कल फूटी कोठी चौराहे के ब्रिज पर निगम के वाहनों में तोडफ़ोड़ के बाद द्वारकापुरी थाने में हंगामा दो घंटे तक चलता रहा। हाथों में ल_ लिए भीड़ जमा थी, लेकिन पुलिस के अफसर से लेकर जवान तक असहाय नजर आए। जब ये सारा माजरा चल रहा था तो बगल में हवा बंगला कार्यालय पर सन्नाटा पसर गया था और कर्मचारी इधर- उधर हो गए थे और वहां खड़ी गाडिय़ां हटा दी गई थीं।
कल सुबह बाड़ा तोडऩे और गाय पकडऩे के मामले को लेकर हिंदूवादियों के हंगामे के बाद दिनभर यह मामला निगम से लेकर पुलिस विभाग में छाया रहा। कई गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ के बाद द्वारकापुरी थाने पर हिंदूवादियों की भीड़ जमा हो गई थी और इस दौरान कई युवा हाथों में लट्ठ लिए थाना परिसर में ही डटे हुए थे, लेकिन कोई पुलिस अधिकारी से जवान तक उन्हें वहां से हटाने की हिमाकत नहीं कर पा रहा था। थाना परिसर में ही नारेबाजी और हंगामा चलता रहा।
जब यह सारा माजरा चल रहा था तो द्वारकापुरी थाने के बगल में बने हवा बंगला झोनल कार्यालय के भी कर्मचारी सकते में आ गए थे और भय के मारे वे आसपास के क्षेत्रों में जाकर और चाय-पान की दुकानों पर खड़े हो गए थे। झोन के आसपास खड़ी निगम की पीली जीपें और वाहन हटा लिए गए थे, ताकि वहां भी तोडफ़ोड़ न हो जाए। कल पूरे मामले में पुलिस अफसरों का रवैया न केवल लचर था, बल्कि लाचार भी नजर आया। सुबह की घटना की रिपोर्ट रात 9 बजे जैसे-तैसे निगम के अफसर दर्ज करा सके।
पशु पकडऩे की ऐसी ही लापरवाही में हो चुकी है निगमकर्मी की हत्या
भागीरथपुरा और हीरानगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कुछ वर्ष पहले नगर निगम ने अवारा पशु पकडऩे की मुहिम चलाई थी। उस दौरान निगम कर्मचारी शुभम की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। यह मामला खूब सुर्खियों में था और उसके बाद निगम ने संबंधित पशुपालकों के पांच से सात मकान पूरी तरह ढहा दिए थे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved