मुरैना। हम सबके लिये सौभाग्य की बात है कि प्राचीन काल से शनि भगवान (Lord Shani) इस चंबल (Chambal) की धरती ऐंती पर्वत (anti mountain) पर विराजमान (seated) है। शनि मंदिर त्रेतायुग से जाना जाता है, यहां शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) के अलावा प्रत्येक शनिवार को भी लाखों की संख्या में श्रृद्धालु पहुंचते है। हम सब जानते है कि लोगों का आवागमन, शनि दर्शन करना एवं वहां स्वाभाविकरूप से भक्तों के साथ-साथ कुछ बदलाव, व्यवसायी, परिवर्तन किया जाना जरूरी है। इसलिये शनि मंदिर के मुख्य द्वार का भूमिपूजन किया जा रहा है।
यह बात केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शनि मंदिर पहुंचकर शनि मंदिर के मुख्य द्वार का मंत्रोचार के साथ विधिवत भूमिपूजन किया। इस अवसर पर अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के अध्यक्ष रघुराज सिंह कंषाना, जिला पंचायत उपाध्यक्ष बनवारी लाल धाकड़, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. योगेशपाल गुप्ता, कलेक्टर अंकित अस्थाना, पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी, डीएफओ स्वरूप दीक्षित, सेवानिवृत्त आईएएस एमके अग्रवाल, विनोद शर्मा, जिला पंचायत के सीईओ डॉ. इच्छित गढ़पाले, आरके टे्क्ट सत्यभूषण जैन, आशीष सोमपुरा, एस.एस. अग्रवाल, महेन्द्र धानू, पूर्व मंत्री रूस्तम सिंह, पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर, पूर्व जिला पंचायत की अध्यक्षा श्रीमती गीता इंदर हर्षाना, हमीर सिंह पटेल, एसडीएम एलके पाण्डेय, जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य, तहसीलदार, समाजसेवी रामू तोमर, सोनू परमार सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी, पत्रकारगण उपस्थित थे।
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि शनि मंदिर पर शनिश्चरी अमावस्या का दिन हो अथवा शनिवार हो, आवागमन लोगों का लगा ही रहता है। इस दृष्टि से कुछ व्यवस्थायें करना जरूरी है, कुछ प्रबंधन आदि का निर्माण किया जाना, तीर्थ स्थल पर आवश्यक है। मंदिर का सौंदर्यीकरण,बड़ी व्यवस्थायें अच्छी हो,इस उद्देश्य से छोटे-बड़े काम होते रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि शनि मंदिर पर आज मुख्य द्वार का भूमिपूजन किया जा रहा है, जो बनकर भविष्य में निश्चित ही बहुत सुंदर होगा। मंदिर के परिक्रमा मार्ग के विकास कार्य भी किये जा रहा है और इसके साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण संरचनाओं को पूरा करने के लिए भी योजना बनाई जा रही है,शनि मंदिर का सौंदर्यीकरण हो, इसके लिये मंदिर का कॉरिडोर भी बनाया जायेगा। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मुख्य प्रवेश द्वार निर्माण स्थल पर मंत्रोचार के बाद स्वयं फाबड़ा चलाकर निर्माण कार्य शुभारंभ किया।