- आसमान में आज 12 से 18 सितंबर तक होगी खगोलीय घटना
- वेधशाला अधीक्षक ने कहा मौसम साफ रहा तो उज्जैन में भी स्पष्ट दिखाई देगा
उज्जैन। आज से 18 सितंबर तक आसमान में एक खगोलीय घटना होने वाली है । 437 साल में एक बार दिखने वाला धूमकेतु भारत में दिखाई देगा। वेधशाला अधीक्षक डॉ. मोहन प्रकाश गुप्त के अनुसार मौसम साफ रहा तो यह धूमकेतु बगैर दूरबीन के सादी आंखों से उज्जैन में भी देखा जा सकेगा। यह धूमकेतु 12 सितंबर से दिखना शुरू होगा तो 18 सितंबर तक स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, फिलहाल ये धूमकेतु 3.86 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। यही वजह है कि 12 सितंबर को ये पृथ्वी से मात्र 12 करोड़ किलोमीटर दूर होगा और इंसान इसे नंगी आंखों से भी देख पाएंगे। आसमान में होने वाली खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए यह एक खास मौका होगा। आज से 18 सितंबर तक आसमान में एक धूमकेतु बगैर दूरबीन के सिर्फ आंखों से दिखाई देगा। वेधशाला के प्रभारी डॉ. मोहन प्रकाश गुप्त ने अग्निबाण को बताया कि यह धूमकेतु बगैर दूरबीन के नंगी आंखों से मौसम साफ रहने पर 12 से 18 सितंबर के बीच उज्जैन में भी स्पष्ट देखा जा सकेगा। धूमकेतु का नाम निशिमुरा है। खगोलविदों को इसके बारे में पहली बार जानकारी पिछले महीने 11 अगस्त को मिली थी। धूमकेतु का नाम खगोलशास्त्री हिदेओ निशिमुरा के नाम पर रखा गया है। उन्होंने पिछले महीने ही इसकी खोज की थी।
कहा जाता है कि यह धूमकेतु 437 साल में एक बार पृथ्वी के करीब आता है। धधकती रोशनी का यह गोला पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स का दावा है कि इसे दूरबीन की मदद से अब भी देखा जा सकता है। खगोलविदों का मानना है कि निशिमुरा की उत्पत्ति हमारे सौर मंडल के सुदूरवर्ती क्षेत्र में स्थित ऊर्ट बादल में हुई है। इसे कई बर्फीली वस्तुओं का क्षेत्र माना जाता है। खगोलविदों का मानना है कि निशिमुरा धूमकेतु जल्द ही सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाएगा और इस दौरान वह पृथ्वी के करीब भी आएगा। बाद में यह सुदूर अंतरिक्ष में चला जाएगा। निशिमुरा धूमकेतु का वैज्ञानिक नाम सी/2023 पी 1 है। 17 सितंबर को यह सूर्य के सबसे करीब से गुजरेगा। इससे पहले यह 13 सितंबर को पृथ्वी के सबसे करीब पहुंच सकता है और 12 सितंबर से ही दिखाई देना शुरू हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि निशिमुरा धूमकेतु की परिक्रमा अवधि 437 वर्ष है। यानी 12 सितंबर के बाद अगले 437 साल में यह धूमकेतु पृथ्वी के करीब आ जाएगा। आज से 18 सितंबर तक निशिमुरा को बिना किसी दूरबीन की मदद से देखा जा सकता है। इस दौरान धूमकेतु की चमक और बढ़ सकती है। ऐसी घटनाओं को देखने का सबसे अच्छा समय सूर्यास्त से सूर्योदय तक है। रात जितनी गहरी और अंधेरी होगी, धूमकेतु और उसकी चमक देखने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।