इंदौर। आजादी के सालों बाद भी इंदौर-देवास (Indore-Dewas) जैसे शहर की सीमा पर बसे गांव हिरली (Hirli) के लोग अभी भी पुल के लिए तरस रहे हैं। हिरली और आसपास के गांवों से लोगों को जुगाड़ की नाव से नदी (River) पार कर इंदौर की सीमा पर बसे अंतिम गांव सिमरोड़ आना पड़ता है और फिर वहां से ये लोग सांवेर (Sanwer) आकर इंदौर या अपने गंतव्य को जाते हैं। कई बार लोगों से राजनीतिक दलों के नेताओं ने वादे किए, लेकिन समस्या आज भी जस की तस है। इसको लेकर यहां की छात्राएं 12 नवम्बर को बेशर्म के फूलों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं, ताकि इंदौर जैसे शहर में रहकर गांव जैसी बेबसी से मुक्ति मिल सके।
हिरली हाटपीपलिया विधानसभा (Hirli Hatpipaliya Assembly) का गांव है और सिमरोड़ सांवेर विधानसभा (Simrod Sanwer Assembly) में आता है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यहां क्षिप्रा नदी है, जिसका पाट काफी लंबा है। लोग इस पार से उस पार जाने के लिए खाली प्लास्टिक की टंकी और उस पर पटिया बांधकर जुगाड़ की नाव से नदी पार करते हैं। सांवेर (Sanwer) में पढऩे वाली छात्राएं भी इसी जुगाड़ की नाव से सांवेर (Sanwer) तक आती हैं। ऐसे में किसी दिन कोई घटना घट गई तो इसका जवाबदार कौन होगा। क्षेत्र में रहने वाले और आंदोलन का नेतृत्व करने वाली महक पठान और कांग्रेस नेता हंसराज मंडलोई ने बताया कि हिरली के साथ-साथ अन्य 50 गांव हैं, जो इस रास्ते से सांवेर (Sanwer) या फिर इंदौर आते हैं। यहां से सांवेर मात्र 8 किलोमीटर है, जबकि देवास (Dewas) जाने के लिए 28 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ता है।
कई बार जनप्रतिनिधियों के समक्ष हमने यह समस्या रखी और एक बार तो इस पुल को बनाने की कार्रवाई भी शुरू हुई, लेकिन बाद में मामला ठंडा हो गया। चूंकि अब दो साल से बंद पड़े स्कूल चालू हो गए हैं तो छात्राओं को फिर परेशानी आने लगी है। छात्राओं ने मंत्री एवं सांवेर विधायक तुलसी सिलावट (Tulsi Silawat) तथा हाटपीपलिया विधायक मनोज चौधरी (Manoj Chaudhary) पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और कहा कि दोनों ने चुनाव जितने के लिए यहां पुल बनाने का वादा किया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई और न ही देवास सांसद महेन्द्रसिंह सोलंकी (Dewas MP Mahendra Singh Solanki) और इंदौर सांसद शंकर लालवानी (Indore MP Shankar Lalwani ) ने। इसको लेकर 12 नवम्बर को दोपहर 2 बजे सभी छात्राएं और क्षेत्र के लोग हाथ में बेशर्म के फूल लेकर आंदोलन करने जा रहे हैं।
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