इंदौर (Indore)। कोर्ट ने कल झाबुआ में हुए प्रिंटिंग घोटाले में पूर्व कलेक्टर, सीईओ सहित सात लोगों के खिलाफ फैसला सुनाते हुए चार साल की सजा दी है। ऐसा पहली बार हुआ है कि जिसमें कलेक्टर को सजा हुई हो। इसमें 36 गवाह होने के कारण सजा मिलने में 13 साल लग गए।
कल कोर्ट ने झाबुआ के पूर्व कलेक्टर जगदीश शर्मा, सीईओ जगदीश धुर्वे, प्रिंटिंग प्रेस मालिक मुकेश शर्मा, लेखपाल आशीष व सदाशिव और समन्वयक अमित को चार साल की सजा सुनाई है। बताते हैं कि फरियादी राजेश सोलंकी ने आरटीआई में जानकारी के बाद लोकायुक्त में शिकयत की थी, लेकिन केस दर्ज नहीं हो सका था। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में एक परिवाद लगाया था। इस पर कल यह फैसला आया है। यह घोटाला 2008 में हुआ था। सरकारी प्रिंटिंग प्रेस के स्थान पर निजी प्रेस में छपाई कर उसे 27 लाख रुपए का फायदा पहुंचाया गया था। यह केस 2010 में दर्ज हुआ था। इसके बाद 36 गवाहों के चलते इसमें 2015 में जांच पूरी कर लोकायुक्त पुलिस ने चालान पेश किया था। इसके बाद ट्रायल चल रहा था।
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