रांची । नोटों के बल पर (On the Force of Notes) झारखंड में (In Jharkhand) सत्ता पलट (Power Overthrow) का एक बड़ा खेल (A Big Game) अंजाम तक पहुंचने के पहले (Before Reaching the End) बिगड़ गया (Got Worse) । बंगाल के हावड़ा जिले में शनिवार देर शाम बड़ी मात्रा में कैश के साथ झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों के पकड़े जाने के बाद इस ‘खेल की बिसात किसने बिछायी और इसमें कितने और कौन-कौन से किरदार-हिस्सेदार हैं, इसको लेकर तरह-तरह की खबरें चल रही हैं। इन तमाम बातों का खुलासा तो शायद पुख्ता जांच से ही हो पायेगा, लेकिन फिलहाल इसकी कड़ियां झारखंड से लेकर असम तक और बंगाल से लेकर दिल्ली तक जोड़ी जा रही हैं। इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है। कांग्रेस जहां इसे ऑपरेशन लोटस का हिस्सा बता रही है, वहीं भाजपा इसे कांग्रेस नेताओं के भ्रष्टाचार का जीवंत मामला बताते हुए हमलावर हो गयी है।
बता दें कि शनिवार की देर शाम झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों डॉ इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी को पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिला अंतर्गत पंचला थाना के रानीहाटी में नोटों के बैग के साथ पकड़ा गया था। देर रात नोटों की गिनती हुई तो कुल रकम 48 लाख रुपये पायी गयी। ये तीनों विधायक दो अन्य सहयोगियों के साथ एक एसयूवी में जा रहे थे। पश्चिम बंगाल की पुलिस ने खुफिया इनपुट के आधार पर इन्हें चेकिंग के दौरान पकड़ा। इस एसयूवी पर झारखंड के जामताड़ा विधायक का बोर्ड लगा था। पुलिस हिरासत में लिये गये तीनों विधायक गाड़ी से मिले कैश के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके। बताया जा रहा है कि ये लोग असम से बंगाल के रास्ते झारखंड पहुंचने वाले थे।
झारखंड कांग्रेस के प्रभारी और पार्टी के केंद्रीय महासचिव अविनाश पांडेय कहते हैं, “यह झारखंड में सरकार को अस्थिर करने की भाजपा की शर्मनाक साजिश का हिस्सा है। हमारे जो तीन विधायक कैश के साथ पकड़े गये हैं, उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है। हम जांच के बाद इससे भी इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकते हैं। लानत है ऐसे विधायकों पर जो बिकते हैं और उससे भी ज्यादा उनपर लानत है जो विधायकों को खरीदने का प्रयास करते हैं।”
दूसरी तरफ भाजपा इसे कांग्रेस के भ्रष्टाचार का जीवंत उदाहरण बता रही है। झारखंड भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी कहते हैं, “भ्रष्टाचार में डूबी झारखंड सरकार का हरेक घटक राज्य को अंदर से खोखला करने में जुटा है। मुख्यमंत्री से लेकर विधायक तक पर गंभीर आरोप हैं। झारखंड से कांग्रेस के तीन विधायकों के बंगाल में पैसे लेकर पकड़े जाने से देश-दुनिया में यह राज्य शर्मसार हुआ है। इनकम टैक्स और ईडी को जांच कर पैसे देने वालों के स्रोत का भी खुलासा करना चाहिए।”
बताया जा रहा है कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक पूर्व अध्यक्ष की दिल्ली के एक फाइव स्टार में कुछ लोगों के साथ बैठक हुई। इसके बाद पांच विधायकों को इस प्लान से जोड़ा गया। पश्चिम बंगाल में कैश के साथ पकड़े गये तीनों विधायक भी इस प्लान में शामिल थे। चर्चा यह भी है कि एक भाजपा शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री की भी इस प्लान में भूमिका रही है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड कांग्रेस के 18 में से 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। यह बात कांग्रेस नेतृत्व भी स्वीकार करता है। कांग्रेस विधायकों के एक गुट ने पार्टी आलाकमान के निर्देशों से अलग अपनी अलहदा लाइन पकड़ ली है। अब भारी कैश के साथ तीन विधायकों की गिरफ्तारी के बाद सत्ता में उलट-पुलट का एक खेल तो फिलहाल फेल हो गया है, लेकिन मामले की जांच जैसे-जैसे बढ़ेगी, इसमें नये मोड़ आयेंगे। यह तय माना जा रहा है कि आनेवाले दिनों में झारखंड की सियासत और सत्ता समीकरण में नये गुल खिलेंगे। यानी पिक्च र अभी बाकी है।
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