उज्जैन। उज्जैन (Ujjain) में स्थित बाबा महाकाल (Baba Mahakal) के आंगन मे समय-समय पर अनेक आयोजन होते रहते है। इसी कड़ी में अब यहां संस्कृति और लोक कला के महापर्व (Festivals of culture and folk art) ‘उमा सांझी महोत्सव’ का आयोजन किया जाएगा। पांच दिवसीय इस आयोजन (five day event) में बाबा महाकाल अलग-अलग स्वरूपों में दिखाई देते हैं, इसके अलावा लोक कला की प्रस्तुति देने वाले कलाकार अलग-अलग तरह के गीत, संगीत और नृत्य पेश करते हैं। बताया जाता है कि इस वर्ष 10 अक्टूबर 2023 से ‘उमा सांझी महोत्सव’ की शुरुआत हो जाएगी। जिसमें बाबा महाकाल मनमहेश स्वरूप में कोटितीर्थ कुंड में नौका विहार करेंगे और ग्वालियर के ढोली बुआ के संकीर्तन के जरिए एक बार फिर भक्त हरि कथा का श्रवण कर सकेंगे।
पांच दिनों तक चलने वाला यह कार्यक्रम बहुत ही आनंददायक होता है और भक्त बड़ी संख्या में इसे देखने के लिए पहुंचते हैं। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में अश्विन कृष्ण एकादशी से अमावस्या तक पांच दिवसीय उमा सांझी महोत्सव मनाया जाएगा। धर्म, कला, संस्कृति के इस समागम में प्रतिदिन सभा मंडपम में सांझी सजाई जाएगी। भगवान महाकाल कोटितीर्थ कुंड में नौका विहार करेंगे। पांच दिन लोक कलाकार गीत,संगीत व नृत्य की प्रस्तुति देंगे।
पीआरओ गौरी जोशी ने बताया इस बार उमा सांझी महोत्सव का आयोजन 10 से 14 अक्टूबर तक होगा। पांच दिवसीय उत्सव में प्रतिदिन भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें कलाकार नृत्य, गायन व वादन की प्रस्तुति देंगे। उमा सांझी उत्सव के समापन पर 16 अक्टूबर सोमवार को शाम 4:00 बजे उमा माता की सवारी निकलेगी। माता पार्वती रजत पालकी में सवार होकर सांझी विसर्जित करने मोक्षदायिनी शिप्रा के तट जाएंगी। सवारी में भगवान महाकाल नंदी पर मनमहेश रूप में सवार होकर निकलेंगे। साल में एक बार अश्विन शुल्क पक्ष की द्वितीया को उमा माता की सवारी निकाली जाती है।
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