नई दिल्ली: राजद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता 124A के तहत राजद्रोह कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को कम से कम पांच जजों की संविधान पीठ के पास भेज दिया है.
कोर्ट ने इस आधार पर बड़ी पीठ को मामला सौंपने का फैसला टालने के केंद्र के अनुरोध को खारिज कर दिया कि संसद दंड संहिता के प्रावधानों को फिर से लागू कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने रजिस्टर्ड ऑपिस को चीफ जस्टिस के समक्ष कागजात पेश करने का निर्देश दिया ताकि पीठ के गठन के संबंध में निर्णय लिया जा सके.
निष्प्रभावी हो चुका है राजद्रोह कानून
पिछले साल 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनते हुए आईपीसी की धारा 124A को अंतरिम तौर पर निष्प्रभावी बना दिया था. कोर्ट ने कहा था कि इस कानून के तहत नए मुकदमे दर्ज न हों और जो मुकदमे पहले से लंबित हैं, उनमें भी अदालती कार्रवाई रोक दी जाए. कोर्ट ने केंद्र सरकार को कानून की समीक्षा करने की अनुमति दी थी. साथ ही कहा था कि जब तक सरकार कानून की समीक्षा नहीं कर लेती, तब तक यह अंतरिम व्यवस्था लागू रहेगी.
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