संसद मार्च पूरी तरह शांतिपूर्ण और संवैधानिक दायरे में होगा
गाजियाबाद। मानसून सत्र (monsoon session) के दौरान रोजाना किसानों का एक जत्था संसद मार्च (Every day a batch of farmers march to Parliament) करेगा। हर जत्थे में दो सौ किसान शामिल होंगे। संयुक्त मोर्चा में शामिल सभी 40 किसान संगठनों की संसद में मार्च में बराबर की हिस्सेदारी होगी। हर संगठन से रोजाना पांच सदस्य संसद मार्च में शामिल होंगे। इन पांच सदस्यों में एक टीम लीडर होगा जो अपनी टीम के प्रति पूरी तरह जबाबदेह और उत्तरदायी होगा।
संसद मार्च के लिए जाने वाले सत्याग्रहियों का चुनाव पूरी तरह जांच परख के बाद किया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा आधार कार्ड के आधार पर विशेष पहचान पत्र जारी किए जा रहे हैं। इस संबंध में पूरी जानकारी दिल्ली पुलिस के साथ बैठक में उपलब्ध करा दी गई है। मानसून सत्र के दौरान रोजाना दो सौ किसानों का जत्था संसद पर पहुंचेगा और शाम को वापस लौट जाएगा। अगले दिन दूसरा जत्था संसद पहुंचेगा।
भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने एक बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीन कृषि बिलों को लेकर पूरे देश का किसान आंदोलित है। अब 22 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू होगा तो रोजाना संयुक्त मोर्चा की ओर से दो सौ किसानों का जत्था संसद के बाहर शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेगा। मोर्चा में शामिल सभी 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधि इस जत्थे में शामिल होंगे। हर संगठन को केवल पांच प्रतिनिधि भेजने का अधिकार होगा। इन पांच सदस्यों में से एक टीम लीडर की भूमिका में होगा। वह अपने चार अन्य साथियों के प्रति पूरी तरह जबाबदेह और उत्तरदायी होगा।
इतना ही नहीं अपनी पांच सदस्यीय टीम की पूरी जिम्मेदारी संबंधित किसान संगठन की होगी। किसान संगठन पूरी तरह तसदीक करने और जांच परख करने के बाद ही संसद मार्च के लिए नाम देंगे। इसके लिए संगठनों ने आधार कार्ड और दूसरे दस्तावेज अच्छी तरह से चेक करने के बाद विशेष पहचान पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि आज आंदोलनरत किसानों ने भ्रामक खबर प्रकाशित करने पर एक राष्ट्रीय अखबार की प्रतियां जलाई। (एजेंसी, हि.स.)
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