नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharaman) द्वारा लोकसभा (Lok Sabha) में नया आयकर विधेयक (New Income Tax Bill) पेश करने के एक दिन बाद, अध्यक्ष ओम बिरला ने विधेयक की समीक्षा के लिए एक चयन समिति (Select Committee) का गठन किया. लोकसभा महासचिव द्वारा जारी एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, 31 सदस्यीय चयन समिति का नेतृत्व ओडिशा के केंद्रपाड़ा से भाजपा सांसद बैजयंत पांडा (Baijayant Panda) करेंगे.
पांडा के अलावा, समिति में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, जगदीश शेट्टार, सुधीर गुप्ता, अनिल बलूनी, शशांक मणि, नवीन जिंदल, अनुराग शर्मा, कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुडा, बेहनन, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) विधायक सुप्रिया सुले समेत अन्य शामिल हैं. चयन समिति को अगले सत्र (मानसून सत्र) के पहले दिन अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी. यानी अगस्त तक नया इनकम टैक्स बिल लोकसभा की पटल पर रखा जा सकता है.
नया आयकर बिल वर्तमान आयकर अधिनियम 1961 को सरल बनाने और उसमें बदलाव लाने के लिए बनाया गया है. वर्तमान कानून को नियमित करदाताओं के लिए समझने में अत्यधिक जटिल और कठिन होने के कारण आलोचना का सामना करना पड़ता है. नए विधेयक का लक्ष्य चीजों को सरल बनाना है, जिसमें 23 अध्याय, 16 अनुसूचियां और लगभग 536 खंड शामिल हैं. 823 पृष्ठों में फैले आयकर अधिनियम 1961 में 23 अध्याय, 14 अनुसूचियां और 298 खंड शामिल हैं.
नए इनकम टैक्स बिल का उद्देश्य मौलिक कर संरचना में बिना छेड़छाड़ किए करदाताओं के लिए एक स्पष्ट इनकम टैक्स फ्रेमवर्क बनाना है. नए कानून की भाषा और प्रावधानों को सरल बनाकर, सरकार का लक्ष्य आम करदाताओं और व्यवसायों के लिए टैक्स फाइलिंग को आसान बनाना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में इस बार अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि केंद्र सरकार पुराने आयकर अधिनियम की जगह नया इनकम टैक्स बिल संसद में लेकर आएगी.
प्रस्तावित कानून को आयकर अधिनियम 2025 के नाम से जाना जाएगा और अप्रैल 2026 में इसके प्रभावी होने की उम्मीद है. मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट 1961 में पारित किया गया था, जो 1 अप्रैल 1962 से प्रभावी हुआ था. इसमें वित्त अधिनियम के तहत 65 बार में 4 हजार से ज्यादा संशोधन हुए. इनकम टैक्स बिल को आसान, समझने लायक बनाने और गैर-जरूरी प्रावधान हटाने के लिए 20,976 ऑनलाइन सुझाव मिले थे. इनका विश्लेषण किया गया. दूसरे देशों के इनकम टैक्स कानूनों का भी अध्ययन किया गया. अतीत में ऐसे संशोधन कर चुके ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के आयकर विभागों से भी सलाह ली गई. 2009 और 2019 में इस संदर्भ में तैयार किए गए दस्तावेजों का अध्ययन भी किया गया. इसके बाद नए इनकम टैक्स बिल का ड्राफ्ट तैयार हुआ.
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