संसद अध्यक्षों के पांचवें वैश्विक सम्मेलन में भारतीय संसदीय दल की अगुवाई लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने की। 19 और 20 अगस्त को हुई इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन संयुक्त राष्ट्र के सहयोग के साथ इंटर पार्लियामेंटरी यूनियन (आईपीयू) और ऑस्ट्रिया की संसद संयुक्त रूप से किया।
कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन ‘आतंकवाद से मुकाबला और हिंसक उग्रवाद : पीड़ितों का पक्ष’ विषय पर हुए विशेष कार्यक्रम में भारत ने पाकिस्तान की राष्ट्रीय असेंबली के स्पीकर के अवलोकन का उत्तर दिया। भारत ने कहा, ‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने खूंखार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को संसद में शहीद कहा था।’
आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने पाक को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र के विश्लेषणात्मक समर्थन प्रतिबंधों की निगरानी करने वाली टीम पाकिस्तान का उल्लेख ऐसे देश के रूप में करती है जो वर्तमान में आतंकवाद में लिप्त 6000 से अधिक नागरिकों के साथ आतंकवाद का प्रमुख निर्यातक है।’
आतंकवाद पर लगाम लगाने के उपाय के रूप में भारत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान को अलग-थलग कर देना चाहिए ताकि आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की लागत बढ़े। भारत ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री स्वीकार कर चुके हैं कि करीब 40 हजार आतंकी उनके देश में मौजूद हैं।
जम्मू-कश्मीर के खिलाफ साल 1965, 1971, 1999, मुंबई और संसद पर हमला, उरी और पुलवामा जैसे हमले पाकिस्तान की आक्रामकता को दर्शाते हैं। हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न करने से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की राज्य प्रायोजित नीति स्पष्ट होती है।
जम्मू-कश्मीर के मामले पर भारत ने एक बार फिर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था और रहेगा। भारत ने कहा कि हम पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने का आह्वान करते हैं। हमारी शांति समर्थक रुख को कमजोरी के संकेत के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
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