वेटिकन सिटी । कोरोना वायरस से बचाव की वैक्सीन की उपलब्धता में किसी तरह का भेदभाव न बरता जाए। इसमें अमीरों को वरीयता देकर गरीबों को पीछे न छोड़ा जाए। यह बात ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने कही है। उन्होंने कहा, कोविड-19 महामारी एक त्रासदी है। इससे तभी छुटकारा पाया जा सकता है जब बिना भेदभाव के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए हमें स्वस्थ और अच्छे तौर-तरीके अपनाने होंगे।
ज्ञातव्य हो कि महामारी फैलने के बाद पोप ने कहा था कि हम तब तक सामान्य स्थितियों में नहीं आ सकते-जब तक सही मायनों में सामाजिक न्याय और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना बंद नहीं होता। उन्होंने सवाल उठाया कि यह कितना दुखी करने वाला होगा, यदि वैक्सीन सबसे पहले अमीरों को मिले। यह बहुत बड़ा घोटाला होगा यदि सारी सरकारी मदद केवल उद्योगों को दे दी जाए और गरीबों व पर्यावरण की सहायता की अनदेखी कर दी जाए।
पोप ने कहा, महामारी ने दुनिया में गरीबों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। इससे गैर बराबरी और बढ़ी है। वायरस ने सभी को अपनी चपेट में लिया है। उसने लोगों को अपना शिकार बनाने में कोई भेद नहीं देखा। वह बर्बादी, गरीबी और गैर बराबरी पैदा करता चला गया। आने वाले समय में ये सारी असमानताएं और बढ़ेंगी।
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