अलवर। इस बार सरिस्का की वादियों में स्थित लोक देवता भृर्तहरि बाबा व पांडुपोल का मेला नहीं भरेगा। कोरोना संक्रमण की वजह से जिले भर में समस्त धार्मिक स्थल 31 अगस्त तक पूर्ण रूप से बंद है, जिसके चलते इस बार 25 अगस्त को भरने वाला पांडुपोल का मेला व इसके अगले दिन ही 26 अगस्त को भृर्तहरि बाबा का मेला नहीं भरेगा।
अलवर जिले के प्रसिद्ध दोनों मेलों में हर वर्ष लाखों की संख्या में देशभर से श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी होने पर सवामणी सहित अन्य धार्मिक आयोजन करते हैं। प्रतिवर्ष मेले से 1 माह पूर्व ही मेला स्थल पर तैयारियां शुरू हो जाती हैं लेकिन इस बार ग्राम पंचायत माधोगढ़ के क्षेत्र में भृर्तहरि धाम पर किसी भी प्रकार की तैयारियां नहीं की जा रही है। कोविड-19 के चलते हुए श्रद्धालु भी मंदिर में नहीं जा रहे हैं। पांडुपोल के मेले के लिए जिला प्रशासन की ओर से राजकीय अवकाश घोषित किया गया है।
बाबा भृर्तहरि व पांडुपोल के मेले नहीं भरने से श्रद्धालुओं को इस बार अपने घर में ही अखंड ज्योत जलाकर अष्टमी को पूजा अर्चना करनी होगी। श्रृद्धालु इस दौरान दाल बाटी चूरमा का पकवान बनाकर बाबा को भोग लगाएंगे। बड़ी संख्या में श्रद्धालु अलवर जिले सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों व दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश पंजाब आदि क्षेत्रों से आते हैं जो कि इस बार नहीं आएंगे।
माधवगढ़ ग्राम पंचायत सरपंच सुशीला देवी ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते इस बार तीन दिवसीय बाबा भृर्तहरि का मेला नहीं भरेगा। इसलिए श्रद्धालु अपने घरों में ही बाबा की ज्योत देखरकर पूजा अर्चना करें।
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