भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस से बगावत करके भाजपा में शामिल हुए 22 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की याचिका पर विचार न किए जाने के मामले में मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। इसके लिए 21 सितंबर तक का समय दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर मप्र के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत सुप्रीम कोर्ट द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस पर कहा कि विधायको के ज्ञान पर प्रश्न नही है, न ही में कोर्ट की अवमानना कर रहा हूं, लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि, योग्यता का प्रश्न तब होता है, जब सम्मानित सदस्य, सदस्य होता है। उन्होंने कहा कि विधायक को यह जान-समझ लेना चाहिए कि वे सभी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद मंत्री बने हैं। अयोग्यता का सवाल तब खड़ा होता है जब वे सदन का सदस्य बने रहते। पता नहीं वे क्यों न्यायालय का समय बर्बाद कर रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोध पर कांग्रेस को घेरा
सोमवार को इंदौर- उज्जैन प्रवास पर पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस द्वारा विरोध किए जाने पर मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस का घेराव करते हुए कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता जो है न जाने, जैसे तैसे जीत कर 2 से 4 सीट भाजपा से ज्यादा ले आए, कांग्रेस के नेता तो भोपाल में बैठे थे। उन्होंने दिग्विजय और कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खड़ी फसल दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने खत्म कर दी। इसके लिए उन दोनों का वरोध होना था। दंडोतिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया का विरोध कांग्रेस की ध्यान भटकाने की साजिश है।
कांग्रेस करती है दो मुँह की राजनीति
दिग्विजय सिंह का सीएम शिवराज को बासमती के जीआई टैग को लेकर धरने पर बैठने की बात पर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस की विचित्र स्तिथि है। एक पूर्व मुख्यमंत्री कहते है कि बासमती का दर्जा नही मिले, एक पूर्व मुख्यमंत्री कहते है कि सीएम शिवराज हमारे साथ धरने पर बैठे। उन्होंने कहा कि दो मुँह की राजनीति करते है ये लोग, किसान और जनता को बेवकूफ समझते है, इसलिए कांग्रेस अब सम्माप्ति की ओर है।
उपचुनाव का बजट बढ़ा
उपचुनाव का बजट 3 हजार करोड़ को लेकर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह सबको पता है कि उनके क्षेत्र की उपेक्षा की गई है, किसी प्रकार से विकास हुआ नही, इसलिए यह प्रवधान किया गया है। (एजेंसी, हि.स.)
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