भोपाल। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार इंदौर-उज्जैन के प्रवास पर आए है। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने उन पर चौतरफा हमला किया। सोशल मीडिया पर सिंधिया पर खूब तंज कसे गए। जवाब में सिंधिया ने भी कांग्रेस नेताओं पर हमला बोला। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं दिग्विजय पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सबसे भ्रष्ट सरकार थी, जिसमें रहना संभव नहीं था। कांग्रेस कमेटी के मीडिया अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि कांग्रेस सरकार गिराने के बाद भाजपा कार्यालय में सदस्यता ग्रहण करते हुए सिंधिया ने दो बातें कही थीं, एक कि मैं सम्मान के लिए राजनीति करता हूँ और दूसरा जनसेवा मेरा प्रमुख लक्ष्य है, जो मेरी पारिवारिक विरासत है। अगर सम्मान की बात के लिए आपने पार्टी छोडी थी तो अब आप क्यों दर-दर भटक रहे हैं। उन्होनें सड़क पर आने का उद्देश्य बताया था कि अतिथि शिक्षकों और अतिथि विद्वानों की लड़ाई मैं लडूंगा। लेकिन आज तक इनके लिए सिंधिया जी सड़कों पर नहीं आए। आज 68-69 हजार अतिथि शिक्षकों को पिछले 3-4 महीनों से वेतन नहीं मिला। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने भी सिंधिया के स्वागत समारोह पर तंज कसा। साथ ही उन्होंने भाजपा नेताओं पर भी निशाना साधा। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह आरोप-प्रत्यारोप से दूर रहे। कमलनाथ के मीडिया समन्वय नरेन्द्र सलूजा ने भी सिंधिया को लेकर ट्वीट किए। इससे पहले इंदौर में कांग्रेसियों ने सिंधिया का विरोध किया। जिसके चलते पुलिस ने कांग्रेसियों को गिरफ्तार किया था।
सिंधिया ने भी तीखा पलटवार किया। उन्होंने इंदौर प्रवास के दौरान कहा कि प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सबसे भ्रष्ट सरकार थी। जनता के काम नहीं हो रहे थे। जनता की भलाई के लिए ऐसे फैसले लिए गए। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं अन्य किसी कांग्रेस नेता पर कोई आरोप नहीं लगाए। सिंधिया ने इंदौर-उज्जैन के सभी बड़े भाजपा नेताओं से उनके निवास पर पहुंचकर मुलाकात की। वे मीडिया से चर्चा के दौरान प्रदेश के मुद्दे पर बोलने से बचते रहे। उन्होंने राम मंदिर को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही राम मंदिर का मुद्दा हल कर सकते थे।
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