सेशन कोर्ट ने रिवीजन की मंजूर कर दी जमानत
इंदौर। जीतू सोनी के पुत्र अमित सोनी के खिलाफ तीन माह में एक भी गवाह के बयान नहीं हुए तो सेशन कोर्ट ने उसकी रिवीजन याचिका मंजूर कर उसे जमानत पर छोडऩे का आदेश दिया है।
प्रकरण के अनुसार फरियादी ने निखिल कोठारी से एक फ्लैट खरीदा था। फिर कोठारी को ही किराए पर दे दिया था। किराए की बात पर उनके बीच विवाद हुआ तो फरियादी ने फ्लैट में कब्जे, धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग व धमकाने के इल्जामों में केस दर्ज करा दिया था, जिसमें अमित भी मुलजिम है। इस मामले में 12 मार्च को अमित के खिलाफ इल्जाम तय कर दिए गए थे और गवाही के लिए 23 अप्रैल की तारीख नियत की गई थी, लेकिन तय तारीख के बाद भी 60 दिन की तय अवधि में पुलिस ने गवाही खत्म कराना तो दूर एक भी गवाह के बयान नहीं कराए तो अमित की ओर से मजिस्ट्रेट कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल कर जमानत पर छोड़े जाने की मांग की गई थी। लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट पूजा अहिरवार ने यह कहकर उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी कि 23 अप्रैल से दो माह की अवधि में लॉकडाउन के चलते नियमित सुनवाई नहीं हो पाई है। ऐसे में उसे इस प्रावधान का लाभ नहीं दिया जा सकता है। मजिस्टे्रट के इस आदेश के खिलाफ अमित की ओर से सेशन कोर्ट में रिवीजन याचिका पेश की गई। इस पर सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट में जज उमेशकुमार श्रीवास्तव ने याचिका मंजूर कर जमानत दे दी।
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