लखनऊ । किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रदेश के पहले प्लाज़्मा बैंक की शुरुआत हो गई है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्लाज़्मा बैंक का उद्घाटन किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्लाज़्मा बैंक के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि इससे कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने में काफी मदद मिलेगी. लोगों को बेहतर इलाज मिल सकेगा.
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी का कहना है कि प्लाज़्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों की सेहत में जल्द सुधार हो रहा है. गंभीर मरीजों पर प्लाज़्मा थेरेपी अच्छा असर दिखा रही है. इस बैंक में प्लाज़्मा स्टोर करने, नमूने लेने के साथ ही अन्य अस्पतालों को देने की भी सुविधा है.
बतादें कि अभी देश मे दिल्ली, पंजाब समेत गिने चुने ही प्लाज़्मा बैंक हैं. इनकी संख्या 10 भी नहीं है. केजीएमयू यानी कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का प्लाज़्मा बैंक देश के सबसे बड़े 2-3 प्लाज़्मा बैंक में एक है. इस प्लाज़्मा बैंक को ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग द्वारा स्थापित किया गया है. विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर तूलिका चंद्रा ने बताया कि इस प्लाज़्मा बैंक में अभी 830 यूनिट प्लाज़्मा स्टोर करने की व्यवस्था है. ज़रूरत के हिसाब से इसे बढ़ाने का भी इंतजाम है. यहां एक दिन में 120 लोग प्लाज़्मा डोनेट कर सकेंगे.
प्लाज़्मा बैंक को लेकर प्रोफेसर तूलिका चंद्रा का कहना है कि प्लाज़्माफेरेसिस की प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित और हानिरहित है. इसमे डोनर का ब्लड प्लाज़्मफेरेसिस मशीन में डाला जाता है और सिर्फ वही ब्लड इस्तेमाल में लाया जाता है, जिसमें कोरोना संक्रमण से लड़ने की एंटीबाडी होती है. एक इंसान में आमतौर पर 5 से 6 लीटर ब्लड होता है. जबकि इस प्रक्रिया में सिर्फ 400 से 500 मिलीलीटर प्लाज़्मा लिया जाता है. ब्लड का बाकी हिस्सा मशीन से शुद्ध होकर वापस डोनर के शरीर मे चला जाता है. उन्होंने बताया कि प्लाज़्मा से कोरोना संक्रमित गंभीर मरीज के सफल इलाज की अत्यधिक संभावना होती है.
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