नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों से सरकारी कंपनियों के प्रदर्शन पर नजदीक से नजर रखने को कहा है। सीतारमण ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकारी कंपनियों की अहम भूमिका है। इसलिए उन्हें अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जो पूंजीगत व्यय का लक्ष्य दिया गया है उसे सही ढंग से और समय-सीमा के भीतर खर्च किया जाना चाहिए।
वित्त मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शिपिंग, सड़क परिवहन और हाइवेज, हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स, रक्षा एवं डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन के सचिवों और इन मंत्रालयों से जुड़े 7 सरकारी कंपनियों के सीएमडी के साथ बैठक की। इस बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए उनके पूंजीगत खर्च की समीक्षा की गई। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी से बेहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सीतारमण विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक कर रही हैं, जिसकी ये तीसरी बैठक थी।
अर्थव्यवस्था के लिए अहम हैं सरकारी कंपनियां
वित्त मंत्री ने कहा कि इन कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन से अर्थव्यवसथा को कोरोना के असर से बाहर निकलने में बहुत मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि असाधारण परिस्थितियों में असाधारण प्रयासों की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि हम ने केवल बेहतर प्रदर्शन करेंगे बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बेहतर परिणाम हासिल करने में मदद करेंगे। सीतारमण ने साथ ही ये सुनिश्चित करने को कहा कि इन कंपनियों का पूंजीगत खर्च का 50 फीसदी हिस्सा वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही तक खर्च हो जाना चाहिए। इसके लिए उन्हें उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि इन 7 सरकारी कंपनियों का वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पूंजीगत खर्च का लक्ष्य 124821 करोड़ रुपये है। वहीं, पिछले वित्त वर्ष में यह राशि 129821 करोड़ रुपये था, लेकिन इसमें से 114730 करोड़ रुपये यानी 88.37 फीसदी ही खर्च हो पाया था। हालांकि, इस साल जुलाई तक 24933 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं जो कुल पूंजीगत खर्च का 20 फीसदी है, जबकि पिछले साल जून तक 15.53 फीसदी राशि का उपयोग किया गया था। (एजेंसी, हि.स.)
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