– पालदा के करोड़ों के प्लाट में दुकानें निकालने का बना लिया था प्लान, इंजीनियर नहीं मान रहा था इसलिए मार दिया
– केयर टेकर के बयानों में विरोधाभास के बाद भी पुलिस क्लीन चिट देने की तैयारी में
इंदौर। पलासिया थाना क्षेत्र के मनोरमागंज में अजय पिता रसिकलाल शाह की निर्मम हत्या में उनकी पत्नी अंजलि की रिपोर्ट पर पुलिस ने भय्यू उर्फ विवेक सोनकर निवासी बड़ी ग्वालटोली, निलेश, आशीष और एक अन्य पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। चारों आरोपियों पर शीतल का मोबाइल लूटने की कार्रवाई भी की गई। बताया जा रहा है कि चारों आरोपी इंजीनियर की हत्या के बाद केयर टेकर शीतल को कमरे में बंद करने के बाद इंजीनियर की पत्नी अंजलि के पास आधा घंटे बैठे और कमरे का एडवांस किराया 2 हजार रुपए देकर गए थे।
डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि चारों आरोपी किराए से कमरा लेने के बहाने इंजीनियर के घर में दाखिल हुए थे। अंजलि से पुलिस ने पूछताछ की तो साफ हुआ कि चारों आरोपी वारदात के बाद इंजीनियर के घर करीब आधा घंटे तक रुके थे, लेकिन उन्होंने अंजलि को वारदात की भनक तक नहीं होने दी। इस आधे घंटे में आरोपियों ने पानी के बाद अंजलि से अन्य जानकारियां भी जुटाईं। इसके बाद एक हथौड़ा मांगा था। आरोपियों की मंशा अंजलि को मारने की भी थी, लेकिन किसी कारणवश वे ऐसा नहीं कर पाए और फिर धीरे से चले गए। उधर इंजीनियर के घर केयर टेकर का काम करने वाली शीतल की भूमिका अभी भी संदेहास्पद मानी जा रही है, लेकिन इसे लेकर पुलिस अधिकारी अलग-अलग तर्के दे रहे हैं। कुछ अधिकारियों का मानना है कि शीतल की भूमिका नहीं है, क्योंकि वह लंबे समय से उनके यहां केयर टेकर बनी हुई है। हत्या में वह शामिल नहीं हो सकती। उसे क्लीन चिट दी जा चुकी है, जबकि शीतल के बयानों में विरोधाभास की जो दो बातें आ रही हैं, उससे वह भी शंका के घेरे में है। शीतल कभी कहती है कि उसे बांधकर कमरे में बंद कर दिया, जबकि कभी धक्का देने से बेहोश होने की बात कह रही है। इसके चलते उस पर संदेह करना लाजमी है। एक और बात, जब आधा घंटे तक वारदात के बाद भी आरोपी घर में रहे तो शीतल ने कमरे से शोर क्यों नहीं मचाया। जो भी हो शीतल और निलेश के मोबाइल की रिकार्डिंग निकालने के बाद उसकी भूमिका है या नहीं है पता चल जाएगा। उधर डीआईजी ने बताया कि शाह का पालदा में जो प्लाट था, वह करोड़ों की कीमत रखता था। निलेश उनके घर अकसर जाता-आता रहता था। उसने शाह पर कई बार उक्त प्लाट को लेने का दबाव बनाया था। उसने कई बार ऑफर भी दिया था कि मिलकर इस प्लाट में दुकानें निकालते हैं, जिससे खासा किराया आएगा। लेकिन शाह यह प्लाट किसी भी कीमत पर नीलेश को नहीं देना चाहते थे। संभवत: इसी बात को लेकर हत्या हुई है।
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