भोपाल। प्रदेश में भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ सालों से दर्ज प्रकरण एवं उनमें अभियोजन की स्वीकृति देने पर संबंधित विभाग एवं विधि विभाग के बीच जारी मतभेदों का पटापेक्ष अब मंत्री करेंगे। ऐसे में प्रकरणों के निपटारे के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में पांच मंत्रियों की समिति गठित की गई है। समिति तय करेगी कि भ्रष्टाचार के मामले में अभियोजन की स्वीकृति दी जाए या नहीं। लोकायुक्त संगठन, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ एवं अन्य जाँच एजेंसियों में भ्रष्ट अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध केस दर्ज हैं। इनमें अभियोजन स्वीकृति जारी करने संबंधी प्रकरणों में विधि एवं विधायी कार्य विभाग एवं प्रशासकीय विभाग के अभिमत में भिन्नता होने पर ऐसे प्रकरणों में विचार करने हेतु मंत्रि-परिषद् समिति का गठन किया गया है।
समिति में ये मंत्री शामिल
समिति में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, लोक निर्माण गोपाल भार्गव, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह तथा स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), इंदर सिंह परमार सदस्य होंगे। मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन इस समिति के सचिव एवं अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग समन्वयक होंगे।
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