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    सुनी सुनाई: रवीन्द्र जैन

  • August 11, 2020

    जिंदा नेता को श्रद्धांजलि
    म ध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी ही पार्टी के जिंदा प्रदेश उपाध्यक्ष को श्रद्धांजलि दे दी। दरअसल ग्वालियर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता बृजमोहन परिहार कोरोना संक्रमित होकर दिल्ली के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। बृजमोहन परिहार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का समर्थक माना जाता है। दिग्विजय सिंह ने उनके लिए प्लाज्मा डोनेट करने की अपील भी की। 5 अगस्त को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय ने अचानक बयान जारी कर बृजमोहन परिहार के निधन की जानकारी देते हुए कमलनाथ की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित कर दी। जबकि बृजमोहन परिहार उस दिन तक जीवित थे। आज 11 अगस्त को सुबह 5 बजे उन्होंने मेदांता गुडगाँव में अंतिम सांस ली है।

    दो नेता कोरोना प्रूफ
    म ध्यप्रदेश कांग्रेस और भाजपा के दो नेताओं को अब उनके कार्यकर्ता भी कोरोना प्रूफ मानते हैं। यह संयोग है कि दोनों ग्वालियर चंबल संभाग से आते हैं, दोनों लगभग रोज सैकड़ों लोगों से मिलते हैं, और दोनों ही पक्के दोस्त भी है। ईश्वर की कृपा से अभी तक कोरोना वायरस से बचे हुए हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता, पूर्व मंत्री गोविंद सिंह और भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा प्रदेश के सबसे सक्रिय नेताओं में शुमार है। अब कार्यकर्ता भी कहने लगे हैं कि हमारे इन नेताओं को शायद कोरोना वैक्सीन मिल गई है।

    20 एफआईआर, कार्रवाई शून्य
    भो पाल पुलिस ने राजनैतिक दबाव के चलते मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ मुहिम चलाने पर आईटी एक्ट के तहत लगभग 20 एफआईआर दर्ज कर ली हैं। लेकिन प्रमाण के अभाव में इन एफआईआर पर अभी तक न तो कोई कार्रवाई हुई है और न ही किसी की गिरफ्तारी कर पाए हैं। इन एफआईआर में से दो में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी आरोपी हैं। अब सरकार के दबाव में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के खिलाफ भी ऐसी ही एफआईआर की गई है। इन एफआईआर को कराकर भाजपा नेता खबरें तो छपवा लेते हैं, लेकिन परेशानी पुलिस को हो रही है जो इस पर कार्रवाई नहीं कर पा रही है।

    कहां है विपिन दीक्षित!
    म ध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओ में शुमार विपिन दीक्षित पिछले कुछ वर्षों से अचानक राजनीति के पटल से गायब हो गए हैं। विपिन दीक्षित भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। उमा भारती सरकार में उन्हें लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले विपिन दीक्षित नरेन्द्र सिंह तोमर, शिवराज सिंह चौहान, कैलाश विजयवर्गीय के समकक्ष नेता रहे हैं। संघ की विचारधारा के कारण उन्होंने विवाह भी नहीं किया था। पता चला है कि भाजपा के बदलते स्वरूप और विचारधारा से हटने के कारण विपिन दीक्षित राजनीतिक सन्यास लेकर इंदौर में एकाकी जीवन बिता रहे हैं।

    विमान से अस्थि विसर्जन
    को रोना काल और लॉकडाउन के चलते भोपाल के एक परिवार को अपने मुखिया की अस्थि विसर्जन के लिए चार्टेड विमान बुलाना पड़ा। भोपाल के प्रसिद्ध मानसरोवर विश्वविद्यालय परिवार के मुखिया के निधन के बाद उनका परिवार इलाहाबाद में अस्थि विसर्जन करना चाहता था, लेकिन एमपी और यूपी में कोरोना की आफत के चलते सड़क मार्ग से जाने में खतरा था। परिवार ने चार्टेड विमान बुलाया और विमान से अस्थि विसर्जन करके आए।

    कांग्रेस से ज्यादा भाजपाई दुखी
    ज्यो तिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने से जितने कांग्रेसी दुखी हुए, अब उससे ज्यादा भाजपाई दुखी व हैरान परेशान दिख रहे हैं। मप्र में जिन जिलों में उपचुनाव होने हैं, वहां सिंधिया और उनके समर्थकों से पूछे बिना कोई काम नहीं हो रहा है। अधिकारियों की जमावट से लेकर सिंधिया खेमे की इच्छानुसार हो रही है। टिकट भी सिंधिया समर्थकों को मिलना तय है। ऐसे भाजपा के पुराने और स्थापित नेताओं का दुखी और परेशान होना लाजिमी है। इन दुखी नेताओं को यह कहकर समझाया जा रहा है कि – उपचुनाव तक झील लो !

    हनी ट्रैप ने बढ़ाई धड़कनें
    पि छले कुछ महीने से मंत्रालय में शांति थी। लेकिन अब हनीट्रैप का भूत फिर से बाहर आ गया है। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बंद लिफाफे में हाईकोर्ट में हनी चाटने वाले 44 लोगों के नाम दे दिए हैं। इसके बाद मंत्रालय में बैठे अफसरों की धड़कनें फिर बढ़ गई हैं। जो अफसर रिटायर हो गए हैं, उन्हें भी अपना बुढ़ापा खराब होने का डर सता रहा है। कुछ राजनेताओं को भी अपना कैरियर बर्बाद होता दिख रहा है। मजेदार बात यह है कि सरकार इन सबको बचाने के लिए पूरी तरह सजग दिखाई दे रही है।

    मंत्री का फूलन को नमन
    आ त्म समर्पित बागी फूलन देवी को भाजपा ने कभी पसंद नहीं किया। उप्र के बेहमई में फूलन ने ठाकुरों को लाईन में लगाकर गोलियों से भून दिया था। फूलन लंबे समय तक ग्वालियर में रही। राजनीतिक रूप से भाजपा और कांग्रेस ने उससे दूरी बनाकर रखी, इन्हें एक ही डर था कि ठाकुर नाराज न हो जाएं। लेकिन फूलन की मौत के कई वर्षों बाद अचानक शिवराज सरकार के ठाकुर (ऊर्जा)मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने 10 अगस्त को फूलन देवी के जन्मदिन को फूलन जयंती बताते हुए उन्हें नमन किया तो ग्वालियर से भोपाल तक अटकलें शुरू हो गईं। हिसाब लगाया जा रहा है कि फूलन जयंती मनाने से प्रद्युमन सिंह को कितना फायदा या नुकसान होगा !

    राजौरा रिटर्न
    ऐ सी उम्मीद नहीं थी कि एसीएस राजेश राजौरा इतने पावरफुल होकर वापसी करेंगे। शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर उन पर भरोसा कर जताया है। उन्हें गृह और जेल विभाग सौंप दिया है। कमलनाथ सरकार ने पहले तो उन पर भरोसा किया। राजौरा ने भी जी जान लगाकर इंदौर में उद्योगपतियों की शानदार मीट करवा दी, लेकिन इस आयोजन के बाद ऐसी कानाफूसी हुई कि राजौरा को श्रम विभाग में भेजकर लूप लाईन किया गया। फिलहाल शिवराज की नई जमावट को राजौरा रिटर्न कहा जा रहा है।

    फाइल 270
    म प्र के दमदार मंत्री नरोत्तम मिश्रा के गृह विभाग की 270 फाइलें मुख्यमंत्री सचिवालय में अटकी हुई हैं। हालांकि पिछले दो सप्ताह से मुख्यमंत्री जी कोरोना के कारण फाइलों से दूर हैं। लेकिन अटकलें तो शुरू हो हो गई हैं !

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