न जांच हो रही थी और न ही सिम्टम आ रहे थे, परिजनों ने दबाव बनाया तो कल हो पाई छुट्टी
इन्दौर। पिछले महीने बड़ी ग्वालटोली में बड़े पैमाने पर कोरोना फैला था। इसकी चपेट में यहां रहने वाला परिवार भी आया था और 13 साल के बेटे के साथ-साथ उसकी मां और बड़ी मम्मी को भी अस्पताल में भर्ती किया गया था। मां और बड़ी मम्मी की तो पिछले दिनों ही छुट्टी हो गई थी, लेकिन बेटा अस्पताल में अकेला रह गया और परेशान होने लगा। कल 27 दिन बाद बच्चे की छुट्टी हुई।
बड़ी ग्वालटोली के आयुष यादव को उसके परिजनों के साथ 15 जुलाई को इंडेक्स हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। सभी का इलाज अस्पताल में इलाज चल रहा था। सभी की एक के बाद एक छुट्टी होती गई, लेकिन आयुष वहां अकेला रह गया। आयुष के परिजन एवं भाजपा नेता गंगाराम यादव ने बताया कि वह जिस मंजिल पर भर्ती था वहां कुछ लोग ही भर्ती थे। अकेला बच्चा रातभर रोता रहता और इस चक्कर में उसे बुखार आ जाता। आयुष का कहना था कि उसे कोई सिम्टम नहीं आ रहे हैं। आयुष की 2 अगस्त को कोरोना जांच हुई, लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं आ पाई। इस पर यादव ने कल नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे से बात की और बताया कि बच्चा दहशत में हैं और उसे कोई दूसरी बीमारी न हो जाए। इस पर स्वास्थ्य विभाग से बात की गई और कल ही आयुष की जांच की गई, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। शाम को आयुष को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। 27 दिनों बाद घर पहुंचे आयुष को देखकर परिजन भी फूटफूटकर रो पड़े।
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