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ये पॉलिटिक्स है प्यारे

August 10, 2020

तुलसी अस्पताल में और इधर सब गड़बड़
पहलवान यानि तुलसी सिलावट अस्पताल में कोरोना का इलाज करवा रहे हैं और चुनावी तैयारियों पर भी नजर रख रहे हैं। पहलवान छोटी से छोटी बात पर गंभीर रहते हैं, लेकिन पिछले दिनों लड्डू के साथ जो पर्चा बांटा, उसमें मात खा गए। पर्चे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गायब है और बड़ी बात तो जिन रमेश मेंदोला को सिलावट के चुनाव का सारथी बनाया है, उनको भी गायब कर दिया। सहप्रभारी इकबालसिंह गांधी भी पर्चे में नहीं थे। पर्चा छापने में जिसको अपना काम दिखाना था, उसने अपना काम दिखा दिया। ये मामला ठंडा पड़ा नहीं था कि सिलावट का सोशल मीडिया अकाउंट चलाने वाले ने भी कसर पूरी कर दी और देपालपुर विधानसभा के एक आयोजन को सांवेर के खाते में डाल दिया। उस पर भी खूब किरकिरी हो रही है। जाहिर तौर पर नाम तो पहलवान का ही आ रहा है, चाहे किसी ने भी यहां पहलवान के साथ पॉलिटिक्स खेल दी हो।
नहीं बचा सुषमा का कोई नामलेवा
राजनीति में जो गया सो गया, उसे इतनी जल्दी भूला दिया जाता है कि उसकी पहली पुण्यतिथि तक याद नहीं रहती। सुषमा स्वराज जब थीं तब उनके नाम का झंडा पूर्व विधायक और नगर अध्यक्ष रहे गोपीकृष्ण नेमा उठाते थे। गोविंद मालू भी उनका नाम लेते नहीं थकते थे। नेमा ने तो सुषमा की तस्वीर अपने कार्यालय में लगा रखी थी जो अध्यक्ष बदलते ही न जाने कहां गुम हो गई? सालभर पहले सुषमा स्वराज का निधन हो गया और गुरूवार को उनकी पहली पुण्यतिथि थी, लेकिन उनका कोई नाम लेने वाला नहीं था। स्वराज के जाने के बाद राजनीति से उनका नाम भी गायब हो गया। यही तो पॉलीटिक्स है प्यारे…पूछपरख जीते जी और पद पर रहते हुए ही होती है, बाकी तो आप समझदार हो।
हम्मालों के झगड़ों में राजनीति
नेमावर रोड के हम्माल संघों का वहां के कारखाना मालिक और व्यापारियों से विवाद चल रहा है। इसी को लेकर व्यापारियों ने हम्मालों से काम करवाना बंद कर दिया है और अपने ही लोगों से काम करवा रहे हैं। लॉकडाउन में तो हम्माल संघ वाले चुप बैठे रहे, लेकिन अब 1 महीने से भाजपा कार्यालय दीनदयाल भवन के चक्कर लगा रहे हैं। क्षेत्र के भाजपा नेताओं के मार्फत व्यापारियों से समझौता करने की योजना बनाई जा रही है, लेकिन कई बैठकें होने के बाद इस पर सहमति नहीं बन सकी है। नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के साथ मधु वर्मा, रवि रावलिया, मनोज पटेल, जगमोहन वर्मा और अन्य भाजपा नेता जोर लगा रहे हैं। आखिर भाजपा नेताओं को हम्माल संघों की वकालात करने की क्या सूझी? ये चर्चा का विषय है। बताया जा रहा है कि इनमें कुछ नेता हम्माल संघों के संरक्षक हैं और क्यों हैं, ये सब जानते हैं।
अंग्रेजों से तुलना की कोरोना की
भाभीजी यानि पूर्व महापौर और वर्तमान विधायक मालिनी गौड़। अभी तक वे भाषण कला में निपुण नहीं हुई हैं। शनिवार को जब वे रणजीत हनुमान मंदिर पर निगम के मास्क बांटने के आयोजन में पहुंची तो कह दिया कि अंग्रेजों को हमने जिस तरह से भारत से भगाया था, वैसे ही हमें कोरोना को भगाना है। अब भाभीजी को कौन समझाए कि कोरोना कोई व्यक्ति तो है नहीं, जिसे जिंदाबाद और मुर्दाबाद करके भगा दिया जाए। वैसे चर्चा में तो निगम के मास्क बांटने वाले कार्यक्रम भी रहे, जिसमें हर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया था। सीएम के आदेश थे कि 14 अगस्त तक कोई भी जनप्रतिनिधि सार्वजनिक आयोजन में नहीं जाएगा, फिर भी आयोजन हुए और क्षेत्र के विधायक और जनप्रतिनिधि भी वहां पहुंचे। अब कोरोना भागे तो कैसे भागे?
बाबा के आश्रम की नपती का टेप गायब
कम्प्यूटर बाबा अपने कम्प्यूटर में जो प्रोग्राम सरकार के खिलाफ चला रहे थे उसको हेक करने के पहले ही कांग्रेसी बीच में कूद पड़े। बाबा के आश्रम की नपती होना थी और निगम के अधिकारी टेप लेकर पहुंच भी गए। बताया जा रहा है कि कांग्रेसियों ने ऐसी फिरकी घुमाई कि नपती करने वाला टेप ही गायब हो गया। यानि बाबा के आश्रम की नपती के पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष बाकलीवाल और विधायक शुक्ला के वहां पहुंचने पर मामला पलट गया। बताया जा रहा है कि बाबा से पंगा लेने का मन अधिकारियों का नहीं था, लेकिन ऊपर से जो आदेश आए थे तो वहां जाना था। वैसे इसके बाद अब बाबा के सरकार विरोधी बयान सुनाई नहीं आ रहे हैं।
राजेश सोनकर के गले पड़ गया कोरोना
भाजपा के जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर का कोरोना के साथ चोली-दामन का साथ हो गया है। नहीं उन्हें कोरोना नहीं हुआ है, बल्कि वे जिन लोगों के साथ रहते हैं उन्हें कोरोना हो जाता है और सोनकर को क्वारेंटाइन होना पड़ता है। पहले उनके नजदीकी मित्र को कोरोना हुआ तो पूरे परिवार की जांच करवाना पड़ी। इसके बाद एक और मित्र कोरोना पॉजिटिव हुए तो वे फिर घर में बंद हो गए और उसके बाद सीएम से मिलने के बाद उन्हें क्वारेंटाइन होना पड़ा। पिछले दिनों सांवेर के एक कार्यक्रम की प्रेस कान्फ्रेंस में आए और फिर से घर जाकर बंद हो गए। समर्थक कह रहे हैं कि सीएम ने 14 अगस्त तक सभी नेताओं को घर में रहने के लिए कहा है, इसी का पालन वे कर रहे हैं।
मनोज पटेल जब विधायक थे तब वे दीनदयाल भवन में ज्यादा नजर नहीं आते थे। अब तो वे हर रोज हाजरी भरा रहे हैं। नए अध्यक्ष गौरव रणदिवे से भी उनकी पटरी खूब बैठ रही है। कहने वाले कह रहे हैं कि इतनी सक्रियता अपने क्षेत्र में रखते तो देपालपुर से विशााल पटेल नहीं वे खुद विधायक होते।

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