लेह। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच तनातनी लगातार जारी है। सीमा पर चीन की सेना को देखते हुए भारतीय सैनिक भी मोर्चे पर डटे हैं। इस बीच भारतीय वायुसेना ने चिनूक हेलीकॉप्टर से दौलत बेग ओल्डी के ऊपर 16 हजार फीट पर रात में उड़ान भरी। दौलत बेग ओल्डी दुनिया की सबसे ऊंचाई पर स्थित हवाई पट्टी है, जिसे मूल रूप से 1962 के युद्ध के दौरान बनाया गया था। इस इलाके में चीन की सेना ने रोड बनाने का काम शुरू कर दिया है।
एक जानकारी के मुताबिक, रात के समय डीबीओ के ऊपर चिनूक हेलीकॉप्टर उड़ाने का फैसला इसलिए लिया गया, ताकि भारतीय सेना की विशेष बलों और पैदल सेना से निपटने की तीव्र क्षमता को टेस्ट किया जा सके। एक सीनियर कमांडर ने कहा, ‘अपाचे हेलीकॉप्टर चुशुल क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं, जबकि अमेरिका में बने चिनूक से रात की लड़ने की क्षमताओं का परीक्षण किया गया। इसलिए इस हेलीकॉप्टर ने डीबीओ के ऊपर उड़ान भरी। हमने पहले ही इलाके में टी -90 टैंक और तोपें तैनात कर दी हैं। चिनूक का अफगानिस्तान की पहाड़ी इलाकों में रात में उड़ान भरने का एक प्रमाणित रिकॉर्ड है और इसका उपयोग विशेष हवाई बलों द्वारा तेजी से सैन्य जवाबी कार्रवाई के लिए किया जाता है।
इस बीच शनिवार को भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई। इस बातचीत के दौरान भारत ने चीन को डेपसांग सेक्टर से तुरंत अपने सैनिक पीछे हटाने को कहा। साथ ही भारत ने चीन को इन इलाकों में निर्माण कार्य भी बंद करने को कहा। यहां दोनों देशों ने भारी संख्या में सैनिक तैनात कर रखे हैं। भारत ने मेजर जनरल स्तर की बातचीत में सीमा पर तनाव खत्म करने पर ज़ोर दिया। खासकर डेपसांग में सेना को पीछे हटने को कहा। बता दें कि यहां पिछले कुछ समय से चीन की सेना भारत को पेट्रोलिंग करने के लिए भी नहीं दे रही है।
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