वाशिंगटन । चीन के खिलाफ अमेरिका ने भारत के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर को संदेश भेजा है ‘सबसे अधिक महत्वपूर्ण भारत-अमेरिका का संबंध है।’ अमेरिका के सांसद एलियट एंजेल और माइकल मैककॉल ने विदेश मंत्रालय को लिखा, ‘अमेरिका-भारत संबंध अहम स्थान रखता है क्योंकि सीमा पर भारत को चीन की ओर से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।’
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ऐलान किया कि अमेरिका एशिया में अपनी फौज को बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। साथ ही पोम्पियो ने चीन के आक्रामक रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि हम भारत और अपने मित्र देशों को चीन से खतरे के मद्देनजर अपने सैनिकों की तैनाती की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने चीन को सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो अमेरिकी सेना चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से मुकाबला करने को तैयार है।
इससे अमेरिका द्वारा खुलकर दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि वे भारत और यहां के प्रधानमंत्री मोदी के साथ हे । साथ ही इससे दुनिया को संदेश गया है कि भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदार हैं । इसके साथ ही चीन के बढ़ते कदम को रोकने के लिए अमेरिका ने एशियाई मुल्कों में अपनी फौज तैनात करने का साफ संकेत भी पूर्व में दिया है। इस योजना के तहत अमेरिका जर्मनी में अपने सैनिकों की संख्या करीब 52 हजार से घटाकर 25 हजार कर रहा है। माना जा रहा है कि इन्हीं सैनिकों में कुछ टुकड़ी एशिया में तैनात होगी।
हालांकि पोम्पियो का कहना है कि इसे लेकर अमेरिका सभी पक्षों से बातचीत भी करेगा। अमेरिका की काफी पहले से साउछ सी चाइना में चल रहे संघर्ष पर नजर है। हाल ही में जापान के साथ साउथ चाइना सी में साझा युद्ध अभ्यास कर अमेरिका ने साफ संकेत दे दिया था कि चीन की महत्वकांक्षा पर उसकी नजर है।
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