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    पांच अगस्त से एक नये युग का आरम्भ होने जा रहा है – साक्षी महाराज

  • August 04, 2020

    एटा, 04 अगस्त । भारतीय जनता पार्टी के उन्नाव सांसद डा. सच्चिदानंद हरिसाक्षी उर्फ साक्षी महाराज का कहना है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को ट्वीट करने की नहीं ट्रीटमेंट कराने की आवश्यकता है। सांसद दिग्विजय के रामजन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास के लिए किये ट्वीट ‘मुहूर्त ठीक नहीं’ पर मंगलवार को अपने एटा आश्रम में पत्रकारों से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।

    कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के ‘मुहूर्त शुभ न होने’ के ट्वीट पर सांसद का पलटबार था कि वे ट्वीट करते हैं। जबकि उन्हें ट्रीटमेंट की आवश्यकता है। ये वही दिग्विजय हैं जो साधुओं को ‘भगवा आतंकवाद’ कहते थे। ये भारतीय संस्कृति व धार्मिक अनुष्ठानों के विषय में तो कुछ जानते ही नहीं हैं। दिग्विजय एक परिवार की गुलामी, परिवार की राजनीति करते हैं। जबकि भाजपा राष्ट्र और राम के लिए राजनीति करती है। राम इस देश के आदर्श हैं।

    साक्षी महाराज का कहना था कि वे पूरे अयोध्या आंदोलन, बाबरी विध्वंस, रामशिला पूजन आदि अभियानों तथा इस आंदोलन की एक-एक घटना के साक्षी है। 5 अगस्त को वहां जो शिलान्यास होने जा रहा है, वे उसके भी साक्षी हैं। उन्होंने विश्व के सभी रामभक्तों को बधाई देते हुए इसे नये युग का शुभारम्भ बताया।

    साक्षी का कहना था कि कोई स्वीकार ही नहीं करता था कि ऐसा होगा। लोग जब हम कहते थे कि ‘मंदिर वहीं बनाएंगे’ तो ताने कसते थे ‘तारीख नहीं बताएंगे’। विरोधी इसे भाजपा का एजेंडा बताते थे। अब तारीख भी बता दी। शिलान्यास करने जा रहे हैं तो कह रहे हैं- मोदीजी क्यों जा रहे हैं? कोई कहता है मुहूर्त ठीक नहीं है। कोई कहता है सियासत है यह। सच यह है कि सियासत तो राजीव गांधी के शिलान्यास में थी। मोदी जी तो राममय वातावरण में शिलान्यास करने जा रहे हैं। देश में इसके लिए कही भी कोई झगड़े नाम की बात नहीं है। सौहार्दमय वातावरण है। सांसद को लगता है कि 5 अगस्त से एक नया युग प्रारम्भ होने जा रहा है। अतः सबको इसका स्वागत करना चाहिए।

    आडवाणी, जोशी, कल्याण सिंह जैसे बड़े नेताओं को न बुलाने के सवाल पर सांसद साक्षी का कहना था कि यह प्रश्न ही नहीं बनता। हमने तो पसीना ही बहाया है। किन्तु कोठारी बन्धुओं, राजेन्द्र यादव, महेन्द्र तथा उससे पहले हजारों लोगों ने अपने प्राण गंवाए हैं। प्रभु श्रीराम सबके योगदान, बलिदान को देख रहे हैं। किन्तु इस कालखंड में जब ओबैसी जैसे लोग कह रहे थे कि अयोध्या में राममंदिर के नाम पर एक ईंट नहीं रखी जा सकती। कुछ कहते थे- वहां खून की नदियां बहेंगी।

    उन्होंने देश के सर्वोच्च न्यायालय को एक निश्चित निर्णय लेने के लिए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमितशाह व योगी आदित्यनाथ सहित सबसे बड़ा धन्यवाद हिन्दू समाज की इस शालीनता के लिए कि निर्णय के बाद खुशी का एक दीपक, एक पटाखा इसलिए नहीं चलाया कि इससे कही मुस्लिम भाइयों को कोई कष्ट न हो तथा मुस्लिम भाइयों का लोगों की आशंकाओं को नेस्तनाबूत करने के लिए धन्यवाद दिया।

    सांसद का कहना था कि सबका योगदान जनता को, शिलान्यास करनेवालों को, वहां रह रहे लोगों को पता है। इस योगदान को नकारा नहीं जा सकता। किन्तु जिस प्रकार सेतुबंधन के समय बड़े-बड़े योधाओं, नल, नील आदि के होते हुए भी प्रभु श्रीराम ने अपना हाथ गिलहरी के ऊपर रखा था, उसी तरह ये रामकृपा से मिला मोदी जी का सौभाग्य है कि वे 22.5 किलो की चांदी की शिला से भव्य मंदिर के निर्माण का शिलान्यास करें।

    सांसद से जब यह पूछा गया कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद 5 अगस्त 2020 को शिलान्यास करने के पीछे क्या कोई इस तिथि का महत्व है तो उनका कहना था कि ये महत्व तो अपने आप हो जाता है। फारूख अब्दुल्ला कहते थे कि ‘मोदी 10 बार प्रधानमंत्री बन जाएं तब भी कोई 370 को छू नहीं सकता’। इसे बिना खून का एक भी कतरा गिरे हटाया। इसी दिन सैकड़ों वर्ष पुराने विवाद का पटाक्षेप होने जा रहा है। ऐसे में 370 हटाने के दिन ही शिलान्यास कर मोदीजी ने सोने में सुहागेवाली बात की है।

    ‘कल (5अगस्त को) वे क्या करेंगे? इस प्रश्न के उत्तर में साक्षी महाराज का कहना था कि वे दीपक जलाएंगे, पटाखे चलाएंगे, टीवी देखेंगे तथा मिठाइयां बांटेंगे। उनका तो आम जन से भी आह्वान था कि वे इस खुशी के अवसर पर जो भी कर सकते हों करें। वहीं विरोधियों से कहना था कि इस आनन्द के समय को वे दुख का समय न बनाएं। इस खुशी में शामिल होकर अपनी खुशी को बड़ा करें। क्योंकि जो होना है, वह तो होगा ही। इसे कोई अनहुआ तो कर ही नहीं सकता।

    सांसद से जब पहले शिलान्यास व 5 अगस्त के शिलान्यास के बीच के अन्तर को जाना गया तो उनका कहना था कि पहला (राजीव गांधी के समय का) शिलान्यास सियासी था। उसे करने तो दिया गया किन्तु बाद में निर्माण कार्य रोक दिया गया। इस पर झगड़ा व खून-खराबा भी हुआ। फलतः वह शिलान्यास खंडित हो गया। 5 अगस्त का शिलान्यास अखंडित होगा। यह भव्य व दिव्य राममंदिर निर्माण के लिए होगा।

    उन्होंने विश्वास जताया कि श्रीरामजन्मभूमि पर बनने जा रहा यह भव्य व दिव्य मंदिर व आयोध्या धाम सारे विश्व का प्रेरणा का केन्द्र बनेगा।

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