हरदा। ऐसा संयोग आज से 558 साल पहले यानि 1462 को आया था। उस साल राखी का पवित्र त्योहार 22 जुलाई को मनाया गया था। रक्षा बंधन का पावन का त्योहार इस साल 3 अगस्त को सावन महीने की आखिरी सोमवार और पूर्णिमा को मनेगा। इस शुभ दिन पर सभी बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हुई । उनकी कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है। भाई-बहन के प्यार के प्रतीक का यह शुभ त्योहार इस साल बहुत ही दुर्लभ दिन को आया है, जो बेहद ही शुभ माना गया। सनद रहे ऐसा संयोग आज से 558 साल पहले यानि 1462 को आया था। उस साल राखी का पवित्र त्योहार 22 जुलाई को मनाया गया था, इस साल भद्रा नहीं रहेगी।
रक्षाबंधन पवित्र त्यौहार है इस त्यौहार को बड़ी खुशी और उल्लास से मनाया जाता है सारी शिकवा-शिकायतें को बुलाकर भाई अपनी बहन के घर पहुंचता है और राखी बंधवा कर बहन का आशीर्वाद लेता है ऐसा बताया जाता है कि कर्मावती ने हुमायूं को राखी बांधकर रक्षा की मदद मांगी भाई का फर्ज निभाते हुए जान की बाजी लगाकर हुमायूं ने अपनी बहन गर्भवती की रक्षा की इतिहास में अनेक ऐसे उदाहरण हैं जिससे पता चलता है राखी बंधवा कर भाई रक्षा के बंधन में बंध जाता है और बहन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हो जाता है।
श्रीमती प्रियंका गोयल, एड़ीएम हरदा का कहना है कि भारतीय सामाजिक व्यवस्था आज सम्पूर्ण विश्व के लिए एक प्रेरणा है। हमारी सामाजिक व्यवस्था में भाई-बहन का रिश्ता एक ऐसा पवित्र रिश्ता है, जिसकी दूसरी मिसाल नहीं है। रक्षाबंधन का पर्व विशेष रूप से भावनाओं और संवेदनाओं का पर्व है। यह बंधन भाई-बहन के एक-दूसरे के प्रति स्नेह, श्रद्धा एवं विश्वास रूपी धागे से बंधा है। इसलिए इसे अपनत्व और प्यार के बंधन से रिश्तों को मजबूत करने का पर्व कहा जाता है।
्र्रसुश्री अंकिता त्रिपाठी, एसड़ीएम, टिमरनी का कहना है कि रक्षाबंधन सनातन संस्कृति का एक ऐसा श्रेष्ठ उदाहरण है जो कि सम्पूर्ण विश्व में भारतीय सामाजिक व्यवस्था को एक पृथक पहचान देता है। इस पर्व को देश के हर जाति, हर धर्म के लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते है जो कि इस पर्व की महत्ता और सर्वव्यापकता का परिचायक है
श्रीमती अलक्का एक्का, तहसीलदार, खिरकिया का कहना है कि रक्षाबंधन त्यौहार से भाई बहन के रिश्ते को मजबूती मिलती है स्वार्थ वंश आपसी कटुता को भुलाकर इस दिन भाई बहन के घर तक का सूत्र बंधवाने होता है और बहन भाई को क्षमा करके भाई की कलाई में राखी बांधकर उसकी सलामती सुख समृद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती है यह एक पवित्र त्यौहार है ।
श्रीमती डॉ. अर्चना शर्मा, तहसीलदार, हंड़िया का कहना है कि रक्षाबंधन त्यौहार भाई-बहन के बीच अगर आप से थोड़ा बहुत अटूता आ गई है। उसे भूल जाने का दिन है उस दिन कटुता को त्याग कर रिश्ते को और मजबूती प्रदान करने की पहल करनी चाहिए। बहन-भाई की रक्षा सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए ईश्वर से दुआ मांगती है ।
सुश्री शारदा तिवारी का कहना है कि रक्षाबंधन त्यौहार के दिन भाई-बहन मिलते हैं बहन को भाई को राखी बांधने के बाद असीम सुख और आनंद की प्राप्ति होती है। बहन भाई से वचन ले कि कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क अवश्य पहने ।
श्रीमती मोनिका चैधरी, जिला युवा समन्वयक, नेहरू युवा केंद्र का कहना है कि भारतीय संस्कृति में रक्षा बंधन का अमूल्य मत व भारतीय संस्कृति में रक्षाबंधन के त्यौहार में भाई बहन के रिश्ते में प्रगाढ़ता आती आस्था विश्वास आत्मा बढ़ता है । रिश्ते में मजबूती मिलती है अपार खुशी और उत्साह का माहौल रक्षा बंधन का त्यौहार बनता है ।
आयुर्वेदाचार्य श्रीमती रेखा डॉ. शिरिष रघुवंशी, गृहणी का कहना है कि रक्षाबंधन त्यौहार में भाई-बहन के प्रति प्रेम, सद्भाव, सहयोग की भावना का विकास होता है। एक दूसरे बहन-भाई मिलते हैं। राखी बंधवा कर बहन की सुरक्षा सहयोग का भाई संकल्प लेता है, भाई उपहार देकर बहन को खुश कर आशीर्वाद प्राप्त करता है । इस त्यौहार से बहन भाई के बीच प्रेम और बढ़ता है रिश्ते और मजबूत होते हैं। भाई बहन एक दूसरे से मिलते हैं त्यौहार को विधि विधान से करने का एक अपना महत्व है ऐतिहासिक घटनाओं को पढ़ने और सुनने से प्रेरणा मिलती है और भाई.बहन के प्रेम सहयोग की भावना का विकास होता है।