नई दिल्ली। देश में फैले कोरोना वायरस को लेकर बड़ी राहत देनेवाली रिपोर्ट सामने आई है। बताया गया है कि इस वक्त देश में कोरोना की जो प्रजाति सबसे ज्यादा फैली हुई है वह यूरोप से आई है। इसमें राहत की बात यह है कि पहले देशभर में कोविड-19 की अलग-अलग प्रजातियां देशभर में मौजूद थीं, लेकिन अब जब एक ही तरह की प्रजाति ज्यादा है तो उससे लड़ना ज्यादा आसान होगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार ने जो लॉकडाउन लगाया उससे वायरस को बड़े स्तर पर फैलने से रोकने में मदद मिली है।
इसकी रिपोर्ट डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलाजी ने तैयार की है। शनिवार को इसे हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन को सौंपा गया। बताया गया है कि A2a होलोटाइप ने पहले से मौजूद दूसरे होलोटाइप्स को हटा दिया और खुद फैल गया। एक होलोटाइप का मतलब जीन के समूह से है। रिपोर्ट बताती है कि शुरुआत में भारत में कोरोना की कई सारी प्रजातियां थीं। इसमें वायरस यूरोप, अमेरिका और ईस्ट एशिया से आया था।
कोरोना की बात करें तो A2a होलोटाइप, D614G, 19A और 19B स्ट्रेन जैसी कई अलग-अलग प्रजातियां दुनिया में फैली हैं। भारत में भी कोरोना की ये प्रजातियां थीं। A2a होलोटाइप यूरोप और सउदी अरब से भारत में आया। इससे पहले जनवरी से जब वायरस फैला तो देश में वुहान से आया स्ट्रेन 19A और 19B भी था लेकिन ये केस A2a के मुकाबले कम थे। फिर देशभर में सिर्फ A2a होलोटाइप ही रह गया। दिल्ली में D614G फैला था जो अब उतार पर है। इसकी वजह से राजधानी में कोरोना के एक्टिव केसों में लगातार कमी आ रही है।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि मार्च से मई के बीच जो कोरोना लॉकडाउन लगाया गया उसने काम किया है। इंटरनैशनल ट्रैवल बैन से वायरस की नई प्रजातियां भारत नहीं आ पाईं, उसी तरीके से इंटर-स्टेट ट्रैवल बैन से मौजूदा प्रजातियां इधर से उधर नहीं फैल पाईं।
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